निजामुद्दीन औलिया दरगाह के 'खास सज्जादानशीन' के लापता होने में ISI का हाथ, सुषमा स्वराज ने मांगी अपडेट्स
नई दिल्ली: निजामुद्दीन औलिया दरगाह के खास सज्जादानशीन आसिफ अली निजामी का कोई अता-पता नहीं है। कहा जा रहा है कि वो पाकिस्तान में लापता हो गए हैं। उनके साथ उनके भतीजे नाजिम निजामी का भी पता नहीं है। पाक में स्थित भारतीय उच्चायोग ने इनके गुमशुदगी का मामला पाकिस्तान सरकार के सामने रखा है।
इस मामले पर शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय नागरिक सैयद आसिफ अली निजामी (80) और उनके भतीजे नाजिम अली निजामी 8 मार्च को पाकिस्तान गए थे। कराची एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद से ही वो लापता हैं। हमने यह मुद्दा पाकिस्तान के सामने उठाते हुए उनसे इस मामले पर अपडेट्स मांगी हैं। दोनों मौलवियों के लापता होने के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) का हाथ हो सकता है। वहीं दोनों मौलवियों के कराची में होने की बात कही जा रही है।
पीरजादा आसिफ निजामी (80) दुनिया भर में अपने अद्भुत करिश्मे के लिए जाने जाते हैं। वो मशहूर निजामुद्दीन औलिया दरगाह के सबसे खास सज्जादानशीन हैं। इसके अलावा वो निजामुद्दीन की मां माई साहब दरगाह (अधचीनी दिल्ली) के भी संरक्षक है।
आगे का स्लाइड में सुषमा स्वराज के ट्वीट...
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मिली खबरों के अनुसार, आसिफ अपने भतीजे के साथ एक हफ्ते पहले लाहौर के दाता दरगाह गए थे और उन्हें सोमवार को वापस आना था। वो लाहौर से कराची के लिए निकले थे। कराची में आसिफ निजामी की बड़ी बहन रहती हैं।
आसिफ निजामी के छोटे बेटे ने बताया कि वो कराची पहुंचे या नहीं इसका भी हमें पता नहीं चला है। लेकिन उन्होंने भारत सरकार से अपील कि वो उनके पिता और चचेरे भाई की वापसी की जल्द कोशिश करें।
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दाता दरगार दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे पुरानी दरगाह में से एक है। यहां पर निजामुद्दीन औलिया और गरीब नवाज दोनों की ही काफी मान्यता है। ऐसे में हर साल दोनों देश के सूफी संत पाकिस्तान से भारत और भारत से पाकिस्तान जाते हैं। निजामुद्दीन औलिया दरगाह वही दरगाह है जिसका जिक्र फिल्म बजरंगी भाईजान में भी हुआ है।