Manipur Violence: मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, बिहार के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या
Manipur Violence:हिंसा के दौर से गुजर रहे मणिपुर में एक बार संगीन वारदात हो गई। काम से लौट रहे दो मजदूरों की काकचिंग जिले में हत्या कर दी गई। दोनों बिहार से थे।
Manipur Violence: हिंसा के दौर से गुजर रहे मणिपुर में एक बार संगीन वारदात हो गई। काम से लौट रहे दो मजदूरों की काकचिंग जिले में हत्या कर दी गई। दोनों बिहार से थे और राज्य में अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम कर रहे थे। दोनों प्रवासी मजदूरों की हत्या करने वालों की अभी फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है।
पुलिस का कहना है कि घटना 14 दिसंबर की शाम को हुई जब दोनों काकचिंग की एक अंडर कंस्ट्रक्शन साइट से काम करके लौट रहे थे। दोनों की पहचान सुनालाल कुमार और दशरश कुमार के रूप में हुई है। दोनों का घर गोपालगंज के राजावाही गांव में है।
सुरक्षाबलों की उग्रवादियों से मुठभेड़
वहीं, प्रतिबंधित संगठन PREPAK में शामिल एक व्यक्ति की मुठभेड़ में मौत हो गई। मुठभेड़ के बारे में पुलिस ने कहा कि थौबल जिले में मुठभेड़ सालुंगफाम मनिंग लीकाई में सालुंगफाम हाई स्कूल के पास हुई। जब सात हथियारबंद व्यक्तियों ने पुलिस कमांडो की एक टीम पर गोलीबारी की। समूह पर काबू पाने के बाद, पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से एक को गोली लगी हुई थी। बाद में इंफाल के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। उसकी पहचान 18 वर्षीय लैशराम प्रेम के रूप में हुई। अन्य छह को पकड़ लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि प्रेम 13 अगस्त से लापता था। उसके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रेम एक प्रतिबंधित संगठन PREPAK में शामिल हो गया था और काकचिंग खुनौ में रह रहा था। थौबल जिले के सालुंगफाम इलाके में स्वचालित हथियारों से लैस कुछ PREPAK कैडरों के जबरन वसूली में शामिल होने की सूचना मिलने पर, मणिपुर पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। कैडरों ने पास आ रही पुलिस टीमों पर गोलीबारी की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई और PREPAK कैडरों को पकड़ लिया गया है।
मुठभेड़ में दो इंसास राइफल, एक अमोघ राइफल, एक .303 राइफल, एक एसएलआर राइफल, 27 लाइव राउंड के साथ एक अमोघ राइफल मैगजीन, 46 लाइव राउंड के साथ चार इंसास मैगजीन, 25 लाइव राउंड के साथ दो एसएलआर मैगजीन, 37 लाइव राउंड के साथ एक .303 राइफल मैगजीन उनके कब्जे से कारतूस और पांच मोबाइल फोन जब्त किए गए। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि ये हथियार उनके (पुलिस के) शस्त्रागार से लूटे गए थे। जांच के लिए फोरेंसिक टीम और मजिस्ट्रेट की सेवाएं मांगी गई हैं।