Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के कार्यक्रम में सिर्फ मोदी को न्योता देने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाए सवाल, भगवान को भी एक पार्टी तक कर दिया सीमित

Ayodhya Ram Mandir: कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर पूरे देश का मंदिर है और इस कार्यक्रम में सभी दलों के नेताओं को निमंत्रण दिया जाना चाहिए।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-10-27 11:08 IST

Ayodhya Ram Mandir invitation to pm modi (photo: social media )

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिए जाने पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर पूरे देश का मंदिर है और इस कार्यक्रम में सभी दलों के नेताओं को निमंत्रण दिया जाना चाहिए। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सिर्फ एक पार्टी तक नहीं सीमित किया जाना चाहिए।

अयोध्या में बना रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को होने वाली है। इस कार्यक्रम के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण दिया गया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। ट्रस्ट की ओर से दूसरे दलों के नेताओं को इस कार्यक्रम में न बुलाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताते हुए हमला बोला है। दरअसल कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा हिंदू वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी।

सिर्फ एक पार्टी का बना दिया कार्यक्रम

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से इस कार्यक्रम के लिए सिर्फ पीएम मोदी को ही न्योता दिया गया है। ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भी बुलाए जाने की बात कही गई है। ट्रस्ट ने अन्य दलों के नेताओं को इस कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं दिया है जिसे लेकर कांग्रेस ने नेताओं की ओर से नाराजगी जताई गई है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि राम मंदिर हमारे देश का मंदिर है। भाजपा के लोग राम मंदिर के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं जैसे कि यह बीजेपी का मंदिर हो। अयोध्या का राम मंदिर हमारे सनातन धर्म का बहुत बड़ा प्रतीक है मगर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को सिर्फ एक पार्टी का कार्यक्रम बना दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह किसी एक पार्टी का कार्यक्रम है?


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण सिर्फ एक पार्टी को दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कौन पहुंचेगा और कौन नहीं, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता मगर सबसे बड़ा सवाल लिया है कि क्या ईश्वर भी एक ही पार्टी तक सीमित है?

सिर्फ पीएम मोदी को बुलाने पर उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी ट्रस्ट के रवैए पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। भारत के लोग हजारों वर्षों से भगवान राम की पूजा करते आए हैं। उन्होंने सवाल किया कि 22 जनवरी 2024 को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को ही क्यों निमंत्रण दिया गया है।

चौधरी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले क्या राम मंदिर का उद्घाटन समारोह सिर्फ एक पार्टी का कार्यक्रम बनकर रह जाएगा? इस कार्यक्रम में विपक्ष के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। चौधरी ने कहा कि पीएम मोदी बहुत बड़े रामभक्त बन गए हैं और धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि विपक्ष की जातीय जनगणना की मांग से भाजपा को काफी बड़ा सियासी नुकसान हुआ है। इसीलिए अब राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीति की जा रही है।


राम मंदिर का कार्यक्रम भाजपा की चुनावी तैयारी

शिवसेना उद्धव गुट के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्यक्रम का न्योता देने की कोई जरूरत नहीं थी। वे तो खुद ही इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंच जाते। राउत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों कारसेवकों ने अपनी जान दी है। शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद सभी ने इसके लिए बलिदान दिया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इसके लिए रथयात्रा निकाली थी। सबके प्रयासों से ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के कार्यक्रम को भाजपा की चुनावी तैयारी बताया।


कांग्रेस को सता रहा है इस बात का डर

प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। ट्रस्ट की ओर से निमंत्रित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने जीवन काल में इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा।

सियासी जानकारी का मानना है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को इस बात का एहसास हो गया है कि भाजपा इस कार्यक्रम के जरिए हिंदू वोट बैंक को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कारण 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। कांग्रेस ने इसी कारण इस मुद्दे को लेकर हमला बोला है और अन्य दलों के नेताओं को इस कार्यक्रम में न बुलाए जाने पर सवाल उठाए हैं।

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