बदलापुर कांड में सनसनीखेज खुलासा, 15 दिनों में बार-बार हुई दोनों बच्चियों से दरिंदगी, तब फटी यौन झिल्ली

Badlapur Case: रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस अस्पताल में बच्चियों का इलाज किया गया, वहां उन्हें चिकित्सा सुविधा मिलने में भी 12 घंटे की देरी की गई।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-08-24 09:47 IST

बदलापुर कांड   (photo: social media ) 

Badlapur Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में दो मासूम बच्चियों से यौन उत्पीड़न का हैरान कर देने वाला मामला इस समय सुर्खियों में है। वहीं मासूम बच्चियों से यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय पैनल ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि किंडरगार्टन की 3 और 4 साल की दोनों बच्चियों का एक बार नहीं बल्कि पिछले 15 दिनों के अंदर कई बार यौन शोषण किया गया है, जिसकी वजह से उनकी योनि की झिल्ली फट गई।

बदलापुर के किंडरगार्टन में पढ़ने वाली दो मासूम बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना ने बदलापुर में भारी आक्रोश पैदा कर दिया था। इस मामले से निपटने में हुई लापरवाही को लेकर स्कूल प्रशासन और पुलिस कड़ी जांच के घेरे में हैं। समिति की जांच रिपोर्ट में इस मामले को संभालने में विफल रहे स्कूल प्रसासन पर भी कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल ने घटना की सूचना देने में देरी की, जबकि प्रिंसिपल ने 14 अगस्त को ही स्कूल के ट्रस्टी को सूचित कर दिया था। इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने संबंधित अभिभावकों को न तो सूचना दी और न ही उनसे मुलाकात की।

चिकित्सा सुविधा मिलने में भी 12 घंटे की देरी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस अस्पताल में बच्चियों का इलाज किया गया, वहां उन्हें चिकित्सा सुविधा मिलने में भी 12 घंटे की देरी की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी अक्षय शिंदे की पहचान और पृष्ठभूमि की छानबीन किए बिना ही उसे स्कूल में काम पर रख लिया गया था। अक्षय ने एक अगस्त से ही संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरू किया था। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस रिपोर्ट में महिला शौचालयों सहित स्कूल के सभी क्षेत्रों में उसकी बेरोकटोक पहुंच और पहचान पत्र न होने से बड़ी चूक हुई है।


और सुरक्षा के लिए वहां कोई सीसीटीवी नहीं लगाया गया है

यही नहीं रिपोर्ट में आरोपी अक्षय शिंदे को आदतन अपराधी होने का शक जताया गया है और उसकी पृष्ठभूमि की जांच करने की सिफारिश की गई है। इस बात की भी जांच करने को कहा गया है कि उसकी नियुक्ति कैसे और किस एजेंसी के जरिए हुई थी? रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि स्कूल का शौचालय स्टाफ रूम से काफी दूर एकांत जगह पर है और सुरक्षा के लिए वहां कोई सीसीटीवी नहीं लगाया गया है।


जांच समिति ने अब सब कुछ उजागर कर दिया है

बता दें कि स्कूल प्रबंधन ने दावा किया था कि दोनों बच्चियों ने ज्यादा देर तक साइकिल चलाई थी, इसकी वजह से उनकी यौन झिल्ली फट गई थी लेकिन जांच समिति ने अब सब कुछ उजागर कर दिया है।

गौरतलब है कि बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में चार वर्षीय दोनों बच्चियों का एक पुरुष सहायक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न किए जाने की घटना के बाद काफी हंगामा हुआ था। हजारों प्रदर्शनकारी मंगलवार को सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने रेलवे स्टेशन और बदलापुर के अन्य हिस्सों में पथराव कर दिया था जिसमें शहर पुलिस के कम से कम 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।



 


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