'अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सरकार की नजर, हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे बांग्लादेश', सदन में बोले जयशंकर
S Jaishankar Statement: विदेश मंत्री ने बताया कि सरकार ने हसीना के साथ भी संक्षिप्त चर्चा की है। हमारी सरकार बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है. वहां विरोध-प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
Jaishankar Statement on Bangladesh Violence: आरक्षण आंदोलन के चलते बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार का कल तख्तापलट हो गया। सेना के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान भी हुआ। शेख हसीना बेदखल करने के लिए जो छात्र बीते दो महीनों से पीछे पड़े हुए थे और देश में हिंसक प्रदर्शन व संपत्तियों को आग लगा रहे थे, वह शेख हसीना के सत्ता और देश छोड़ने के बाद भी शांति नहीं हुई हैं। बुधवार को भी बांग्लादेश में हिंसक घटनाएं देखने को मिली हैं, कल से लेकर आज तक 100 से लोगों की मौत हो गई हैं। वहां पर हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। बांग्लादेश के हालात पर भारत अपनी नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने मंगलवार को पड़ोसी बांग्लादेश में अस्थिरता स्थिति और वहां पर रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर देश की उच्च सदन को अवगत कराया।
हम ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं
बंग्लादेश में उपजे हालातों पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर राज्यसभा को संबोधित किया और इस घटना के बारे में पूरी जानकारी दी। जयशंकर ने कहा कि 'बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से वहां टेंशन है। बंग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे और हैं। साथ ही वहां पर रहे भारतीयों और देश के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। बांग्लादेश में भारत का उच्चायोग लगातार काम कर रहा है। इन हिंसक प्रदर्शन में हिंदू अल्पसंख्यकों के कारोबारी प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले हुए हैं। यह सबसे चिंताजनक बात है। हम ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं और अपने राजदूतों व हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
स्थिति सामान्य होने की कर रहे उम्मीद
विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा और गहरा विभाजन और ध्रुवीकरण हुआ है। हम स्थिति सामान्य होने की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी सीमाओं पर सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रख रहे हैं और वे अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में करीब 18 हजार भारतीय थे, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र वतन वापस आ गए हैं। अभी मौजूदा समय 12 से 13 हजार लोग वहीं हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर राज्यसभा को बताया कि कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बांग्लादेश में हालात नहीं सुधरे। 4 अगस्त के दिन देश में सबसे अधिक हालात बिगड़े, जब आंदोलनकारी छात्रों ने प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने का राष्ट्रव्यापी आह्वान किया था। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए 5 अगस्त को वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं।
अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना चिंताजनक
उन्होंने सदन को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी भारत में ही हैं। इस हिंसक हमलों में वहां पर अल्पसंख्यक लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उन पर हमले किये जा रहे हैं, जोकि जो चिंता का विषय है। हमारी सरकार भारतीय समुदाय के संपर्क में है और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नजर रख रही है. हिंसा के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बहुत शॉर्ट नोटिस में भारत आने की इजाजत मांगी थी, जोकि इजाजत दी गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद हमारे बॉर्डर पर चौकसी बरती जा रही है और BSF को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। हम ढाका प्रशासन के संपर्क में भी हैं। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
बांग्लादेश की स्थिति पर रखी जा रही कड़ी नजर
विदेश मंत्री ने बताया कि सरकार ने हसीना के साथ भी संक्षिप्त चर्चा की है। हमारी सरकार बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है. वहां विरोध-प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। पुलिस पर भी हमले किए जा रहे हैं। इसी मुद्दे पर आ आज सर्वदलीय बैठक भी हुई। इसमें एनडीए के सभी सहयोगी दलों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा, दोनों सदनों में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे हालांकि, आप ने दावा किया कि उसे बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का आश्वासन दिया है, चूंकि इस समय हसीना सदमे में हैं, इसलिए सरकार उनसे बात करने से पहले उन्हें समय दे रही है