किसानों की कर्जमाफी की राह में बैंक बने रोड़ा, कृषि मंत्री का गंभीर आरोप
झारखंड की पूर्व रघुवर दास की सरकार के समय मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू की गई थी। हालांकि, हेमंत सोरेन सरकार के आने के बाद योजना को बंद कर दिया गया।
रांची: झारखंड में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे के मुताबिक किसानों की क़र्ज़माफ़ी की ओर क़दम बढ़ा दिया है। हालांकि, इस राह में बैंक ही सबसे बड़े रोड़ा बन रहे हैं। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि, ऋण से संबंधित डाटा देने में बैंक लेटलतीफी कर रहे हैं। विभागीय सचिव ने बैंकों को फटकार भी लगाई है लेकिन डाटा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सरकार के पास ऋण माफी के 2000 करोड़ रुपए पड़े हैं लेकिन बैंकों के कारण किसानों की क़र्जमाफ़ी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि, बैंक अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। लिहाज़ा, ऐसे बैंकों की झारखंड में ज़रूरत नहीं है।
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मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद
झारखंड की पूर्व रघुवर दास की सरकार के समय मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू की गई थी। हालांकि, हेमंत सोरेन सरकार के आने के बाद योजना को बंद कर दिया गया। इसे लेकर भाजपा द्वारा सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए गए। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि, पिछले तीन वर्षों का डाटा देखने से पता चला कि, 377 करोड़ में से मात्र 73 करोड़ रूपए ही किसानों को मिले और बाकी इंश्यूरेंस कंपनियों को चले गए। जो पैसा किसानों को मिलना चाहिए अगर वो इंश्योरेंस कंपनियों को चले जाते हैं तो फिर ऐसी योजना का कोई मतलब नहीं रह जाता है।
किसान नहीं बिरसा कृषक
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि, किसानों को हम बिरसा कृषक के रूप में पहचान दिलाएंगे। इसके लिए बाजाप्ते आईकार्ड भी दिया जाएगा। रबी संगोष्ठी में 100 किसानों को सौ फीसद अनुदान में रबी बीज देते हुए विभागीय मंत्री ने कहा कि, किसानों को खुद भी जागरुक होना होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आना होगा। बिचौलियों के चंगुल से खुद को आज़ाद करना होगा। राज्य सरकार कृषकों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल दी दर से धान ख़रीद रही है। किसान राज्य सरकार को धान बेचेंगे तो उन्हे तत्काल 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। इससे किसानों को बिचौलियों के पास नहीं जाना पड़ेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि, सरकार कृषि कैलेंडर बनाने जा रही है। 25 मई को बीज दिवस मनाया जाएगा।
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सब्जियों का भी बनेगा एमएसपी
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार सब्जियों के निर्यात के लिए भी एमएसपी तैयार कर रही है। कृषक उत्पादों के लिए बाज़ार की व्यवस्था की जा रही है। विभागीय मंत्री ने कहा कि, चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरह चैंबर ऑफ फॉर्मर्स की ओर आगे बढ़ने की आवश्यक्ता है। विभागीय सचिव अबू बक्र सिद्दिकी ने कहा कि, देश के विकास में कृषि एक महत्वपूर्ण अंग हैं। रोज़गार और जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। उन्होने कहा कि, किसानों को सवाल पूछना होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ आखिर क्यों नहीं मिला। इसे लेकर प्रश्न पूछने होंगे। कृषि विभाग की निदेशक निशा उरांव सिंहमार ने कहा कि, कृषि संरचना योजना के तहत किसानों को गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि के लिए सब्सिडी और लोन दिए जा रहे हैं। लिहाज़ा, कृषकों को सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी लेकर उसका लाभ उठाना चाहिए।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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