Queen Elizabeth ही क्यों, BB LAL के भी होने चाहिए थें चर्चे

RIP BB Lal First Archaeologist: क्या खाती थी कैसे सोती थी सब मीडिया बता रहा है। भारत के एक महान भूस्तर शास्त्री और इतिहासकार प्रो.बी बी लाल का गत 10 सितंबर, 2022 रात्रि को नई दिल्ली में निधन हो गया।

Newstrack :  Network
Update:2022-09-22 11:57 IST

Braj Basi Lal (Image: Social Media)

RIP BB Lal First Archaeologist: एलिजाबेथ की मौत पर भारत के काफी लोग और मिडिया बार बार दिखा रहा है कि एलिजाबेथ क्या क्या करती थी, क्या खाती थी कैसे सोती थी सब मीडिया बता रहा है। भारत के एक महान भूस्तर शास्त्री और इतिहासकार प्रो.बी बी लाल का गत 10 सितंबर, 2022 रात्रि को नई दिल्ली में निधन हो गया। उनका जन्म 02 मई, 1921 को झांसी में हुआ था । मृत्यु के समय उनकी मृत्यु 100 वर्ष से अधिक आयु में हुई । पर इस बारे में मीडिया अर्थात टीवी चैनल्स अथवा दूसरे संचार साधनों में कोई खबर नहीं थी । 

 रामायण, महाभारत, वेद उपनिषद आदि को स्कूली किताबों में एक मायथोलोजी बताया गया, राम कृष्ण को काल्पनिक बताया गया, इन सभी को प्रो. बी बी लाल ने झूठा साबित किया था। राम मंदिर जो अभी अयोध्या में बन रहा है, उसका मूल कारण बी बी लाल थे । जिन्होने यह साबित किया था कि राम मंदिर नामक देवालय वहीं था, जिसे बाबर ने तोड़ दिया था।।

प्रो. बी बी लाल के कारण ही भारत के हिंदुओ को पता चला है कि रामायण और महाभारत कोई काल्पनिक बात नही है। सच में घटित हुई घटना थी, बी बी लाल ने ही द्वारिका नगरी पर शोध किया था। भारत के रामायण और महाभारत काल के अवशेषों को खोज कर के उन्होंने ढेरो रिसर्च की थी। उनकी इस सेवा के कारण ही आज हम लोग उन अंग्रेजो और मुगलों के गुलाम लेफ्टिस्ट हिंदूओ के मुंह बन्द करवा पाए हैं। जो राम को काल्पनिक साबित करना चाहते थे। आर्य लोग बाहर से आए थे इस थ्योरी को भी झूठा साबित कर दिया था। एक भी मिडिया या न्यूज पेपर में उनके निधन का कोई समाचार नही दिखाई दिया। जबकि सब के सब ब्रिटेन की रानी के पीछे पड़े थे।

प्रो. बी बी लाल की एक पुस्तक है:-

"इंद्रप्रस्थ : द बेकिंग टाइम ऑफ दिल्ली"और एक है....

"टाइम्स ऑफ ऋग्वेद एरा पीपल्स" 

(ऋग्वेद के समय के लोग और व्यवस्था) और कई सारी पुस्तके हैं। जिसे पढ़ना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है और इतनी अच्छे तरीके से उसमे साक्ष्य दिए गए है कि पुस्तक को दस बीस बार पढ़ने का मन हो ही जाएगा।

ऐसे अविस्मरणीय व्यक्तित्व को सादर प्रणाम और विनम श्रद्धांजलि। 

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