हो जाएं सावधान, अगर किया होगी सीधे जेल, तो पढ़ लें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
ये एक्ट जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान किया था उसी दिन से लागू हो गया था। दरअसल 24 मार्च, 2020 को रात्रि आठ बजे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च, 2020 को 00.00 घंटे से 14 अप्रैल, 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन का एलान किया था।
रामकृष्ण वाजपेयी
वाट्सएप पर एक मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है - ब्रेकिंग-ग्रुप एडमिन कृपया ध्यान दें। आज रात्रि 12 बजे से Disaster Management Act पूरे देश में लागू होगा। जिससे सरकारी विभाग के अलावा किसी भी नागरिक को कोरोना संबंधित कोई भी जानकरी-अपडेट, सोशल मीडिया में शेयर व पोस्ट करना दंडनीय अपराध है।
यह फेक मैसेज है। हालांकि कोरोना ही नहीं किसी भी विषय पर सामान्य जनजीवन में घृणा फैलाने वाली, गलत जानकारी जिससे लोगों में भ्रम बढ़े ऐसी पोस्ट लगाना या फारवर्ड करना गलत है। अपराध है। इसमें ग्रुप एडमिन और मैसेज वायरल करने वाले या फारवर्ड करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का मीडिया को निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित मीडिया को जिम्मेदारी की प्रबल भावना बरकरार रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न होने पाए, जिनसे दहशत फैल सकती हो।
उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर ध्यान दिया है कि शहरों में काम करने वाले कामगारों के बड़ी संख्या में प्रवासन का कारण इस फेक न्यूज के कारण फैली दहशत थी कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा अवधि तक चलने वाला है। न्यायालय ने गौर किया है कि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित की जाने वाली फेक न्यूज की अनदेखी कर पाना उसके लिए संभव नहीं है, क्योंकि इनसे फैली दहशत के कारण हुए प्रवासन ने उन ऐसे समाचारों का पालन करने वाले लोगों की तकलीफे बेतहाशा बढ़ा दीं, इसके कारण कुछ लोगों को जान तक गंवानी पड़ी।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह महामारी के बारे में निष्पक्ष चर्चा पर दखल नहीं देना चाहता, लेकिन साथ ही न्यायालय ने मीडिया को घटनाक्रमों के बारे में आधिकारिक विवरण का संदर्भ लेने और प्रकाशन करने का निर्देश दिया है।
क्या है डिसास्टर मैनेजमेंट
अब आते हैं डिसास्टर मैनेजमेंट एक्ट क्या है। क्या ये समय लागू है या आज रात से लागू होगा। तो दोस्तों जानने की बात ये है कि ये एक्ट जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का एलान किया था उसी दिन से लागू हो गया था। दरअसल 24 मार्च, 2020 को रात्रि आठ बजे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च, 2020 को 00.00 घंटे से 14 अप्रैल, 2020 तक देशव्यापी लॉकडाउन का एलान किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा कोविद -19 यानी कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए की थी। इस लॉकडाउन के पीछे मंशा थी वायरस के फैलाव को रोकने के लिए "सामाजिक दूरी" को सुनिश्चित करना।
दूसरा कारण यह था कि केंद्र सरकार को यह लग रहा था कि देश भर में विभिन्न उपायों के एक साथ अमल व आवश्यक सेवाओं और आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए यह लॉकडाउन आवश्यक है।
अब आते हैं पहले सवाल के जवाब पर कि ये एक्ट क्या है
इन बातों को ध्यान में रखकर गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 6 (2) (i) को लागू करने का आदेश 24 मार्च, 2020 को जारी किया। इस आदेश से भारत सरकार, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों और प्राधिकरणों के मंत्रालयों या विभागों को एक साथ निर्देश दिया गया था।
इसे भी पढ़ें
कोरोना महामारी: जानिए क्या कहते हैं भारत के सितारे, 15 अप्रैल को मिलेंगे शुभ संकेत
इस निर्देश में केंद्रीय आदेश में बताए गए उपायों को लागू करने, अपने घरों के बाहर लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित करने और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यालयों, कारखानों और दुकानों को बंद करने को कहा गया था।
एक तरह से आपदा प्रबंधन कानून लागू होने के बाद देश में राज्य सरकारों को इस महामारी से निपटने के लिए निर्देश देने की केंद्र सरकार को एकीकृत शक्ति मिल गई।
क्या है आपदा प्रबंधन कानून
राष्ट्रीय महामारी की विभीषिका के समय केंद्र सरकार के इस कदम की सराहना होनी चाहिए और इस पर अक्षरशः अमल होना चाहिए।
आपदा प्रबंधन कानून, 2005 को केंद्र सरकार को भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए पारित किया गया था और उसके द्वारा नामित सदस्यों की संख्या नौ से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि अधिनियम की योजना कोविद -19 जैसी महामारी के नियंत्रण से विशेष रूप से नहीं निपटती है, अधिनियम की धारा 6 के तहत NDMA की शक्तियों को व्यापक रूप से एक आपदा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए केंद्र सरकार को एकीकृत कमान देने के लिए व्याख्या की जा सकती है।
इसे भी पढ़ें
आपदा के खतरे घटाने के मोदी के एजेंडे पर यूपी में काम शुरू
आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 की धारा 2 (डी) के तहत 'आपदा' शब्द का अर्थ है, 'किसी भी क्षेत्र में तबाही, दुर्घटना, आपदा या गंभीर घटना, प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न होना, या दुर्घटना या लापरवाही से जिसके परिणामस्वरूप काफी नुकसान होता है। जीवन या मानव की पीड़ा या क्षति, और, संपत्ति, या क्षति, या पर्यावरण के क्षरण, या विनाश।'
इसलिए कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र सरकार के कदमों का अनुसरण प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है ताकि हम इस महामारी को जीत सकें।