Bengal Ration Scam Case: फरार TMC नेता शाहजहां शेख ने जारी किया ऑडियो टेप, सीएम ममता बनर्जी को लेकर कही ये बात

Bengal Ration Scam Case: शाहजहां शेख ने कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे मैंने कुछ गलत किया है तो मैं आत्महत्या कर लूंगा और अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगा।

Update:2024-01-07 07:59 IST

Bengal Ration Scam Case (Photo:Social Media)

Bengal Ration Scam Case. पश्चिम बंगाल में छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर जानलेवा हमला कराने के आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने एक ऑडियो टेप जारी किया है। शेख शुक्रवार की घटना के बाद से फरार चल रहा है। ईडी को शक है कि कहीं वह देश छोड़कर न भाग जाए, इसलिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। टीएमसी नेता ने ऑडियो टेप में दावा किया है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। राजनीतिक साजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है।

संदेशखाली टीएमसी ईकाई का अध्यक्ष शाहजहां शेख ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मेरी आप सभी से प्रार्थना है कि आप सीबीआई और ईडी से न डरें। ये एक राजनीतिक साजिश है। उन्हें लगता है कि वे संदेशखाली को बर्बाद कर देंगे। डरो मत। शाहजहां तो सैकड़ों हैं। सीएम ममता ने संदेशखाली के सभी लोगों के लिए काम किया है। मौत तो आने ही है लेकिन मैं कभी भी किसी अपराध से नहीं जुड़ा हूं।

शेख आगे कहता है, अगर कोई यह साबित कर दे मैंने कुछ गलत किया है तो मैं आत्महत्या कर लूंगा और अपना चेहरा नहीं दिखाऊंगा। मैं कभी भी अपराध का समर्थन नहीं करता। मुझे आशा है कि आप मुझ पर विश्वास नहीं खोएंगे। जल्द ही आपको पता चल जाएगा कि यह झूठ था। ममता बनर्जी सबके लिए काम करती हैं, उन पर भरोसा रखें।

लगातार दो दिन हुए ईडी पर हमले

कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला हुआ था। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद इसमें प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हुई। बीते साल अक्टूबर में इस मामले में बड़ी कार्रवाई हुई पूर्व खाद्य मंत्री और ममता सरकार के मौजूदा वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। एक के बाद एक करके उनके करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है।

इसी कड़ी में 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों की एक टीम 27 सीआरपीएफ जवानों के साथ उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में दबंग टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर रेड डालने पहुंची। शेख अपने घर से नदारद था और वहां ताला लटका हुआ था। टीम ने जैसे ही ताला तोड़ने की कोशिश की 800 से 1000 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन अधिकारी जख्मी हो गए। स्थानीय पुलिस फोर्स ने जैसे-तैसे सभी को उपद्रवी भीड़ से बचाया।

इसी दिन एक और टीएमसी नेता बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या के ठिकाने पर भी ईडी ने रेड मारी थी। अगले दिन शनिवार को तड़के सिमुलटोला स्थित उनके आवास से जब अधिकारियों की टीम उन्हें गिरफ्तार कर ले जाने लगी तो एकबार फिर टीएमसी कार्यकर्ता बेकाबू हो गए। उन्होंने अधिकारियों के वाहन पर पथराव कर दिया। आद्या को ईडी के शिकंजे से छुड़ाने की कोशिश की। सीआरपीएफ जवानों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।


इन घटनाओं को लेकर पश्चिम बंगाल का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों एकसाथ सत्तारूढ़ तृणमुल कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं। दोनों ही पार्टियों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

Tags:    

Similar News