खबरदार: बन सकती है जान पर, इस नए खतरे से रहें सावधान

सरकार ने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे बड़े शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों से संक्रमण की नई लहर का अंदेशा बन गया है। हालाँकि अभी स्थिति बहुत खराब नहीं हुई है लेकिन ये एक चेतावनी जरूर है।

Update:2021-02-17 13:20 IST

नील मणि लाल

लखनऊ। भारत में अब यूनाइटेड किंगडम के अलावा दो और देशों के भी कोरोना वायरस स्ट्रेन दाखिल हो चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका से देश लौटने वाले 4 लोगों में स्ट्रेन की पुष्टि हुई है जबकि एक व्यक्ति में ब्राजील का स्ट्रेन पाया गया है। दक्षिण अफ्रीका का वेरिएंट, अमेरिका सहित दुनिया के 41 देशों में फैला है। यूके का कोरोना वेरिएंट दुनिया के 82 देशों में फैल चुका है जबकि ब्राजील का स्ट्रे न 9 देशों में फैला है।

इन राज्यों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी

इसके अलावा गंभीर बात ये है कि महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र में पिछले दो हफ़्तों से मामले बढ़ने का ट्रेंड रहा है जिसके चलते राज्य सरकार को नए प्रतिबन्ध लगाने पर मजबूर होना पड़ा है। सरकार ने चेतावनी दी है कि जरूरत पड़ने पर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे बड़े शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों से संक्रमण की नई लहर का अंदेशा बन गया है। हालाँकि अभी स्थिति बहुत खराब नहीं हुई है लेकिन ये एक चेतावनी जरूर है।

आवागमन और लापरवाही

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये स्थिति लोगों का आवागमन बढ़ने और एहतियातों के प्रति लापरवाह होने से बनी है। जिस तरह अब सब कुछ अनलॉक हो गया है उससे लोगों में ये धारणा बन रही है मानों कोरोना खत्म हो गया है। सोशल दूरी, मास्किंग और हाथ साफ़ करने जैसे सामान्य से एहतियात भी लोग अब भूलते जा रहे हैं। मुंबई में तो लोकल ट्रेन के नार्मल सञ्चालन को जिम्मेदार ठहराया अजा सकता है लेकिन विदर्भ जैसे क्षेत्र में मामले हैरानी भरा है।

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जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी

महाराष्ट्र के सर्विलांस अधिकारी डॉ प्रदीप अवाते का कहना है कि हाल में हुए पंचायत चुनाव भी एक कारण हो सकते हैं। डॉ अवाते ने कहा कि अब रोजाना के कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों के 5 फीसदी पर जीनोम सिक्वेंस होगा। ये रोजाना जीनोम सीक्वेंसिंग के 50-70 नमूनों में बदलेगा, जिससे कोरोना वायरस में वायरल म्यूटेशन को चेक किया जा सकेगा। डॉक्टर प्रदीप का कहना है कि इस मौके पर वायरल म्यूटेशन को खारिज करने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। जहां कहीं भी मामलों के समूह उजागर होंगे, वहां जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी।

महाराष्ट्र के कोरोना टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी का कहना है कि किसी को लापरवाह कतई नहीं होना चाहिए। अभी संकट बना हुआ है। अब तो अमेरिका में डबल मास्किंग की जरूरत महसूस की जा रही है। डॉ जोशी का कहना है कि भले ही दिखने में पहले की अपेक्षा मामले कम लग रहे हों लेकिन ये खुश होने की बात नहीं है

बढ़ रही भीड़

लंबे समय तक बंद रहने के बाद 15 दिन पहले ही मुंबई में लोकल ट्रेन की सेवा सामान्य नागरिकों के लिए भी शुरू की गई है। आम नागरिक सीमित अवधि में अब लोकल ट्रेन का उपयोग कर पा रहे हैं। लेकिन अभी यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है कि मुंबई में पुनः बढ़ते कोरोना मामलों के पीछे लोकल ट्रेन में बढ़ती भीड़ ही एक कारण है, या कुछ और। कुछ सप्ताह पहले दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र ने दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान एवं गोवा से आनेवाले विमान यात्रियों के लिए कोविड का एनटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया था। इन राज्यों से आनेवाले विमान यात्रियों के लिए यह जांच अब भी अनिवार्य है। बाहर से आनेवाले ट्रेन यात्रियों की भी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर जांच की जा रही है।

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दो मास्क पहनने की सलाह

टीकाकरण अभियान से कोरोनावायरस को शिकस्त देने में बड़ी मदद मिल सकती है। हालांकि, कोरोना वायरस का खतरा अब भी बरकरार है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है, क्योंकि भारत दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। अगले 6 महीने में देश की आधी आबादी को कोरोनावायरस वैक्सीन मिल जाएगी। इसके बाद बाकी लोगों को भी वैक्सीन दी जाएगी। तब तक मास्क जरूर पहनें, सामाजिक दूरी का पालन करें और साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। वहीं, अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से बचाव के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें लोगों को दो मास्क पहनने की सलाह दी है।

दरअसल, एक शोध में इसका खुलासा हुआ है कि दो मास्क पहनने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम रहता है और यह पूरी तरह से कारगर है। इसके लिए सीडीसी ने भी नई गाइडलाइंस में सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क पहनने की सलाह दी है। ऐसा माना जाता है कि इससे संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है। इससे एयरबोर्न पार्टिकल्स के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है, जो केवल सर्जिकल मास्क अथवा एक मास्क पहनने के कारण नहीं हो पाता है। पहला मास फिजिकल बैरियर की तरह काम करता है, तो दूसरा मास फिल्ट्रेशन का कार्य करता है। वहीं, इससे चेहरे का 90 फीसदी भाग ढ़का रहता है। एक मास्क से चेहरे का केवल 50 फीसदी ही सुरक्षित रहता है।

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कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क प्राथमिक सुरक्षा है

सीडीसी की गाइडलाइंस में मास्क की डोरियों को बांधने की सलाह दी गई है। मास्क की डोरियों को पीछे बांधने से खतरा कम हो जाता है। वहीं, मास्क की डोरियां ढीली रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इस बारे में सीडीसी का कहना है कि ऐसा करने से संक्रमण का खतरा 95 फीसदी कम हो जाता है।

कोरोनावायरस से बचाव के लिए मास्क प्राथमिक सुरक्षा है। अगर मास्क पहनने में कोई गलती करते हैं, तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए लोगों को मास्क पहनते समय आवश्यक बातों का ख्याल रखना चाहिए। एक छोटी सी गलती भी आप को संक्रमित कर सकता है। मास्क पहनने से पहले एक बार चेक जरूर करें कि मास्क कहीं कटा-फटा तो नहीं है और न ही उस पर धूल-कण जमा है। मास्क उतारने से पहले साबुन से अपने हाथों को धोएं अथवा सैनिटाइज करें। आप चाहे तो साफ पानी से भी अपने हाथों को धो सकते हैं।

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