Advani Bharat Ratna Row: आडवाणी को भारत रत्न देने पर भड़का ये मुस्लिम संगठन, बाबरी विध्वंस का जिक्र कर केंद्र पर बोला हमला
Advani Bharat Ratna Row: आडवाणी को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद से सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों के राजनेता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें केंद्र का ये फैसला गले नहीं उतर रहा है। जमात-ए-इस्लामी हिन्द की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है।
Advani Bharat Ratna Row: केंद्र सरकार ने देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण फैसले की जानकारी स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है। आडवाणी को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद से सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों के राजनेता इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें केंद्र का ये फैसला गले नहीं उतर रहा है। जमात-ए-इस्लामी हिन्द की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। जमात देश के सबसे पुराने और प्रभावशाली मुस्लिम संगठनों में शामिल है। इसके राष्ट्रीय सचिव मलिक मोहतसिम ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार के इस फैसले की जमकर निंदा की और निशाना साधा।
‘मौजूदा सरकार से ऐसे लोगों को ही अवॉर्ड देने की उम्मीद’
मलिक मोहतसिम ने मोदी सरकार पर देश में नफरत की सियासत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। आडवाणी को भारत रत्न देने के फैसले पर सवाल उठाते हुए मोहतसिम ने कहा कि मौजूदा सरकार ऐसे लोगों को सम्मान देगी जो अमन और शांति के पक्षधर नहीं हैं। वो बाबरी मस्जिद को तोड़ने वालों को इनाम दे रही है। हुकूमत के जो अपने मकसद हैं, उसके हिसाब से इनाम दे रही है।
इस सरकार से सवाल पूछने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि वो तो नफरत की ही बुनियाद पर अपना कारोबार चलाती है। ये देश के लोगों को सोचना चाहिए कि क्या ये हुकूमत कानून के मुताबिक काम कर रही है ? हम देश की जनता से कहेंगे कि देश में जो माहौल बन रहा है उसे बदलना चाहिए। आवाम की ताकत से हुकूमत को बदलना चाहिए।
ज्ञानवापी विवादों को लेकर भी साधा निशाना
जमात-ए-इस्लामी हिन्द के मलिक मोहतसिम ने ज्ञानवापी समेत अन्य मस्जिदों को लेकर चल रहे विवाद पर भी मौजूदा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि वाराणसी जिला अदालत के फैसले के खिलाफ इंतजामिया कमेटी हाईकोर्ट जाना चाहती थी मगर सुबह होते ही प्रशासन ने फैसला लागू कर दिया। मोहतसिम ने कोर्ट के रवैये पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने आगे कहा कि महरौली में एक मस्जिद थी वह जमींदोज कर दी गई, सुनहरी मस्जिद को भी हटाने का मामला सामने आया है। यह बात हमें परेशान कर रही है। आज काशी की बात हो रही है और कल मथुरा आ जाएगा।
आडवाणी को भारत रत्न देने पर ये बोले पीएम मोदी
पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के सरकार के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ओडिशा के संबलपुर में आज एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, आज देश ने अपने एक महान सपूत, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का निर्णय लिया है। भारत के उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में और दशकों तक एक निष्ठावान, जागरूक सांसद के रूप में लालकृष्ण आडवाणी ने देश की जो सेवा की हो वो अप्रतीम है।
आडवाणी जी का ये सम्मान इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन खपाने वालों को राष्ट्र कभी भूलता नहीं है। मेरा सौभाग्य रहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी का स्नेह और उनका मार्गदर्शन मुझे निरंतर मिलता रहा है।मैं लालकृष्ण आडवाणी की दीर्घायु होने की कामना करता हूं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
एलके आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर विपक्षी नेताओं के भी बयान आए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। वहीं, उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि निश्चित रूप से भारत रत्न पुरस्कार मिलने पर लालकृष्ण आडवाणी को बधाई देनी चाहिए। मैं भी बधाई देता हूं। कायदे से तो वे अपनी पार्टी की अपनी सरकार में सर्वोच्च पद के योग्य थे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कम से कम भारत रत्न दिया इसके लिए लालकृष्ण आडवाणी को बधाई।
वहीं, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने फैसले का स्वागत करते हुए लगे हाथ बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह भारत रत्न अपने वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले दिग्गज समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का ऐलान किया गया था।