प्रियंका पर बड़ी कार्रवाईः हाथ से निकला लोधी एस्टेट बंगला, एक माह का समय

आठ नवंबर 2019 को गांधी परिवार से विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) कवर वापस लेने के बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगले कदम में केंद्र सरकार प्रियंका गांधी-वाड्रा को दिए गए लोधी एस्टेट सरकारी आवास की समीक्षा कर सकती है।

Update: 2020-07-01 13:49 GMT

लोधी एस्टेट के 35 नंबर बंगले में वर्षों से रह रही कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी को अपना बंगला खाली करना होगा। यह कार्रवाई उनके एसपीजी कवर हटाये जाने के क्रम में लिया गया है। प्रियंका को यह बंगला एक अगस्त तक खाली करना होगा।

वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह फैसला प्रियंका गांधी वाड्रा का एसपीजी कवर हटाए जाने के क्रम में लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि एसपीजी कवर हटाए जाने के फैसले के बाद अब कोई वजह नहीं है कि उन्हें सरकारी बंगले की सुविधा जारी रहने दी जाए।

प्रियंका गांधी को फरवरी 1997 में सुरक्षा कारणों से 35 लोधी एस्टेट, टाइप VI बंगला आवंटित किया गया था। बंगला प्रियंका को निजी हैसियत से आवंटित किया गया था। यह आवंटन एसपीजी, गृह मंत्रालय और कैबिनेट सचिवालय की सिफारिश के बाद हुआ था कि एसपीजी सुरक्षा को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए कुछ विशिष्ट विनिर्देशों के तहत एक स्वतंत्र बंगले की आवश्यकता होती है।

एसपीजी कवर हटने के साथ तेज हो गई थी चर्चा

आठ नवंबर 2019 को गांधी परिवार से विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) कवर वापस लेने के बाद से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगले कदम में केंद्र सरकार प्रियंका गांधी-वाड्रा को दिए गए लोधी एस्टेट सरकारी आवास की समीक्षा कर सकती है।

मोदी सरकार ने 2015 में सरकारी आवास के आवंटन के नियमों में बदलाव किया और केवल SPG संरक्षकों को सरकारी आवास के लिए पात्र बनाया।

2015 से पहले, जेड प्लस सुरक्षा वाले भी सरकारी आवास के हकदार थे। संपदा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सुरक्षा कारणों से सरकारी मकानों के आवंटन के मानदंड में बदलाव किया गया है, जो केवल एसपीजी सुरक्षा को इस तरह के विचार के लिए योग्य बनाता है। सरकारी आवासों के आवंटन के बदले सुरक्षा संरक्षकों को दिल्ली में अपने स्वयं के घरों को आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं होगी। ”

तब ये कहा था प्रियंका ने

हालांकि प्रियंका गांधी का एसपीजी कवर हटा था तब इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका ने कहा था कि यह तो राजनीति है होती रहती है। गृह मंत्रालय की सुरक्षा समीक्षा कमेटी की बैठक में फैसले के बाद बीते साल नवंबर माह में गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटा कर उन्हे जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा कवर देने का फैसला किया गया था।

बता दे कि एसपीजी सुरक्षा की समीक्षा हर साल की जाती है। इसके तहत संबंधित व्यक्ति को संभावित खतरे को देखते हुए यह तय किया जाता है कि उन्हें एसपीजी सुरक्षा की जरूरत है या नहीं। उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि फिलहाल गांधी परिवार को कोई खतरा नहीं है और ऐसे में जेड प्लस की सुरक्षा पर्याप्त होगी। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा से भी एसपीजी कवर हटाकर सीआरपीएफ की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।

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