Jammu Kashmir Election 2024: BJP को सत्ता से दूर रखने के लिए हो सकता है बड़ा सियासी खेल, किंगमेकर बनना चाहती है PDP

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होने वाले हैं। माना जा रहा है कि नतीजों की घोषणा के बाद पीडीपी का रवैया बदल सकता है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-10-07 11:00 IST

Jammu Kashmir Election 2024

Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में मतदान का दौर समाप्त होने के बाद अब सबकी निगाहें 8 अक्टूबर को होने वाले चुनाव नतीजे के ऐलान पर टिकी हुई हैं। जम्मू-कश्मीर में एग्जिट पोल के अधिकांश नतीजों में कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन को मजबूत बताया गया है। अधिकांश सर्वे के मुताबिक दोनों दलों को बहुमत के करीब सीटें हासिल हो सकती हैं।दूसरी ओर भाजपा भी जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने के लिए भीतर ही भीतर तैयारी में जुटी हुई है। भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी बड़ा सियासी खेल कर सकती है। पीडीपी ने कांग्रेस नेशनल कान्फ्रेंस गठबंधन को समर्थन देने का संकेत देना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव के दौरान अकेले चुनाव मैदान में उतरने वाली पीडीपी के रवैए में बदलाव बड़ी सियासत का हिस्सा माना जा रहा है।

विधानसभा चुनाव में नहीं हो सका था गठबंधन

जम्मू कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होने वाले हैं। माना जा रहा है कि नतीजों की घोषणा के बाद पीडीपी का रवैया बदल सकता है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक-दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़े हैं। पीडीपी को गठबंधन में शामिल किए बगैर नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर दिया था। इसे लेकर महबूबा मुफ्ती खूब नाराज भी हुई थीं। वैसे अब उनका रुख बदलता हुआ दिख रहा है। पीडीपी जम्मू-कश्मीर में एक बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार भी बना चुकी है जिसमें महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाया गया था मगर अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पीडीपी ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में यह पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को समर्थन दे सकती है।

अब बदल रहा पीडीपी का रुख

दरअसल पीडीपी के नेता और श्रीनगर के लाल चौक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले जुहैब युसूफ मीर ने संकेत दिया है कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए उनकी पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस कांग्रेस गठबंधन में शामिल हो सकती है। उन्होंने कहा कि कश्मीर को बचाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का इकट्ठा होना जरूरी है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एग्जिट पोल को गंभीर नहीं माना जा सकता क्योंकि यह सिर्फ टाइम पास गतिविधि है।

कांग्रेस और फारूक ने किया पूर्ण बहुमत का दावा

कांग्रेस के जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस कांग्रेस के गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल होगा। इसमें कोई रुकावट आई तो भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए समान विचारधारा वाले दलों और व्यक्तियों के लिए हमारे दरवाजे खुले हुए हैं। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी चुनाव नतीजे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में माहौल को देखते हुए नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाते हुए दिख रहे हैं। यह बेहद अच्छी बात है कि पीडीपी भी हमसे जुड़ने के लिए तैयार है।

पीडीपी के रुख का स्वागत

पीडीपी नेता के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी नेता की सोच बहुत अच्छी है और वे बधाई के पात्र हैं। हम सभी एक ही राह पर हैं। जम्मू-कश्मीर से नफरत को खत्म करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों की एकजुटता जरूरी है। उन्होंने कहा कि वास्तविक नतीजे का पता तो 8 अक्टूबर को मतगणना से ही लगेगा मगर इस बात को पुख्ता संकेत है कि हमारा गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाब होगा।

किंगमेकर बनना चाहती है पीडीपी

जम्मू-कश्मीर के एग्जिट पोल के नतीजे के मुताबिक नेशनल कान्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है। भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में 25 सीटें मिली थीं मगर इस बार पार्टी की सीटों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। पीडीपी को 10 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में 28 सीटों पर जीत मिली थी मगर इस बार पार्टी को 10 सीटें मिलने की संभावना है। ऐसे में पीडीपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि यदि पीडीपी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही तो पार्टी किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है।

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