Hit And Run Law New Update: हिट एंड रन लॉ में आया बड़ा अपडेट! अगर ट्रक-बस ड्राइवरों ने यह किया, तो नहीं होगी 10 साल की जेल व जुर्माना
Hit And Run Law New Update: हिट एंड एन पर नए कानून को लेकर देश भर में एक ओर जहां विरोध हो रहा है तो वहीं इसमें केंद्र से कुछ राहत की खबर भी आ रही है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को इस बारे में सूचित करता है, घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और खुद की पहचान के बारे में स्पष्ट तौर पर बता देता है, तो उसके खिलाफ यह सख्त कानून लागू नहीं होगा...
Hit And Run Law New Update: नए 'हिट एंड रन' कानून को लेकर देश के विभिन्न भागों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके विरोध में बस, ट्रक व कैब ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली व पंजाब सहित कई राज्यों में हो रही हड़ताल का असर अब साफ तौर पर सामान्य जनजीवन पर पड़ने लगा है। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की भारी भीड़ जमा हो गई है। राजधानी लखनउ में भी पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। यही नहीं अगर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो बाजार में रोजमर्रा की वस्तुओं की भी किल्लत हो जाएगी। वहीं केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने नए ‘हिट एंड रन‘ कानून के मामले में बड़ा अपडेट दिया है।
नए कानून के तहत हिट एंड रन के आरोपी को दस साल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। इसी के विरोध में ट्रक व बस ड्राइवर हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को घटना के बारे में सूचित करता है और घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और स्पष्ट तौर पर खुद की पहचान के बारे में पुलिस को बता देता है, तो उसके खिलाफ यह सख्त कानून लागू नहीं होगा। साथ ही उसे पुलिस को यह भी आश्वासन देना होगा कि इस मामले में उसे जहां भी, जब भी बुलाया जाएगा, वह आएगा।
अमित शाह ने संसद में इस कानून के बारे में बताया था-
बता दें पिछले दिनों संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कानून के बारे में बताया था कि सरकार ने उन लोगों के लिए सख्त दंड का प्रावधान किया है, जो सड़क पर दुर्घटना करने के बाद मौके से फरार हो जाते हैं और उस स्थिति में पीड़ित को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। ऐसे आरोपियों के खिलाफ नए हिट एंड रन कानून के प्रावधान लागू होंगे। मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
ऐसा किया जो मिलेगी ये सजा-
अगर हिट एंड रन केस में ड्राइवर, बिना सूचना दिए मौके से भाग जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा मिलेगी। इसके अलावा सात लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। वहीं केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, ऐसा नहीं है। यह दंड केवल उन चालकों के लिए है, जो हिट एंड रन के बाद मौके से फरार हो जाते हैं। वहीं इस मामले में ड्राइवरों का मत है कि अगर वे घटनास्थल पर रुकेंगे तो लोगों की भीड़ उन्हें मार डालेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई चालक हिट एंड रन के बाद कुछ किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी रोक लेता है और हेल्पलाइन नंबर 108 के माध्यम से पुलिस को घटना की सारी जानकारी से अवगत करा देता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने का आग्रह करता है तो उसके साथ सख्ती नहीं होगी। उस चालक को अपनी सारी जानकारी पुलिस को बतानी होगी। इसके बाद उसके खिलाफ सामान्य धारा के तहत केस दर्ज होगा। इस तरह के केस में उन लोगों के लिए कुछ उदारता दिखाई जाएगी, जो खुद से पुलिस को सूचित करेंगे और घायलों को अस्पताल ले जाएंगे।
गैर इरादतन हत्या -
भारतीय न्याय संहिता खंड 106(1) में सजा को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल की गई है। वहीं खंड 106(2) में ‘हिट एंड रन’ मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। हिट एंड रन मामले में जो प्रावधान बढ़ाया गया है 10 साल तक, ये सुप्रीम कोर्ट के ‘ऑब्जरवेशन‘ के तहत लिखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ये
सुप्रीम कोर्ट ने एक से ज्यादा मामले में कहा है कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर दुर्घटना करके जिसमें किसी की मौत हो जाती है, वहां से भाग जाते हैं तो ऐसे लोगों के ऊपर कार्यवाही सख्त होनी चाहिए। BNS के सब-सेक्शन 106 (1) और सब-सेक्शन 106 (2) से यह स्पष्ट होता है कि यदि व्यक्ति घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत की घटना की रिपोर्ट करता है, तो उस पर सब-सेक्शन 106 (2) की जगह सब-सेक्शन 106 (1) के तहत आरोप लगाया जाएगा, जिसमें 5 साल तक की सजा है, जबकि सब-सेक्शन 106(2) के तहत 10 साल के सजा का प्रावधान है। धारा 106 (1) अभी भी एक जमानती अपराध है, और धारा 106 (2) को गैर-जमानती बनाया गया है।
अब देखना यह होगा कि क्या हड़ताल करने वाले चालक इस बात पर मान जाएंगे या फिर वे इस कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे। यह तो समय ही बताएगा।