Bihar Political Crisis: बिहार में अब मंत्री बनने के लिए जोड़-तोड़, कांग्रेस और मांझी ने नीतीश पर बढ़ाया दबाव

Bihar Latest News: बिहार में बड़े सियासी बदलाव के बाद नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभाल ली है। अब सभी की निगाहें कैबिनेट विस्तार पर हैं और मंत्री पद के लिए महागठबंधन के दलों में जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो गई है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-08-12 04:04 GMT

बिहार में महागठबन्धन सरकार (फोटों सोशल मीडिया)

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Bihar Political Crisis: बिहार में बड़े सियासी बदलाव के बाद नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभाल ली है। अब सभी की निगाहें कैबिनेट विस्तार पर हैं और मंत्री पद के लिए महागठबंधन के दलों में जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो गई है। नीतीश को समर्थन देने के बदले में कांग्रेस की ओर से सम्मान जनक हिस्सेदारी की मांग की जा रही है। पार्टी ने इसके लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और हम के मुखिया जीतन राम मांझी कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। 

इस बीच नीतीश के साथ डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंच गए हैं। जानकारों का कहना है कि दिल्ली में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की मंजूरी के बाद राजद कोटे के मंत्रियों के नाम तय किए जाएंगे। वैसे कैबिनेट विस्तार अब 15 अगस्त के बाद ही होने की संभावना जताई जा रही है।

सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग

विधायकों के संख्या बल को देखा जाए तो कांग्रेस महागठबंधन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 विधायक चुने गए थे। कांग्रेस का कहना है कि संख्या बल को देखते हुए पार्टी को मंत्रिमंडल में सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए। जानकारों का कहना है कि पार्टी की ओर से चार मंत्री पदों की मांग की जा रही है।

कांग्रेस की ओर से बिहार में हुए बड़े सियासी बदलाव में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की भूमिका का उल्लेख भी किया जा रहा है। पार्टी विधायकों का कहना है कि इस बदलाव के पीछे सोनिया गांधी की अहम भूमिका रही है। भाजपा का साथ छोड़ने से पहले नीतीश ने सोनिया से बातचीत भी की थी। कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास का कहना है कि बिहार में गठबंधन सरकार के गठन में मैडम ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।

कांग्रेस चाहती है चार मंत्री पद

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने खुलकर कहा है कि नीतीश के मंत्रिमंडल में कांग्रेस को कम से कम चार मंत्री पद जरूर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि संख्या बल के लिहाज से कांग्रेस का यह हक बनता है और नीतीश को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस के कई विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। सूत्रों का कहना है कि आलाकमान की मंजूरी के बाद कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम पर मुहर लगेगी।

इस बीच पार्टी के एक विधायक छत्रपति यादव ने पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिखकर खुद को मंत्री बनाने की मांग की है। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें वे यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वे पार्टी के अकेले यादव विधायक हैं। इसलिए उन्हें मंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए। जानकारों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार 16 अगस्त को हो सकता है मगर कैबिनेट विस्तार में देरी पर हम के मुखिया मांझी ने नाराजगी जताई है। मांझी भी नीतीश कैबिनेट में ज्यादा मंत्री पद पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

तेजस्वी बोले-नीतीश करेंगे फैसला

राजद कोटे के मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव लगाएंगे। इस बाबत चर्चा करने के लिए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव गुरुवार को ही दिल्ली पहुंचे थे। मंत्रिमंडल में विभिन्न दलों की हिस्सेदारी के संबंध में तेजस्वी यादव का कहना है कि इस बाबत आखिरी फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही करेंगे। अब गेंद उनके पाले में है और उनका फैसला सबको मान्य होगा। तेजस्वी ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है। 

उन्होंने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि ईडी और सीबीआई चाहें तो उनके आवास में अपना दफ्तर खोल लें। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बिहार के हक के लिए केंद्र सरकार से लड़ता रहा हूं और मुझे केंद्रीय एजेंसियों का कोई डर नहीं है। उन्होंने दावा किया कि नई सरकार राजद की ओर से 2020 में किए गए दस लाख नौकरियों के वादे को पूरा करेगी। 

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