भगवान जगन्नाथः बिकने जा रही हजारों एकड़ जमीन, प्रशासन का ये है दावा
जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इस बात का खंडन किया है, जिसमें 34,000 एकड़ भूमि को बेचे जाने का दावा हुआ। जिसका भारतीय जनता पार्टी ने बृहस्पतिवार को ओडिशा सरकार के उस निर्णय की निंदा की थी।
भुवनेश्वर: जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने इस बात का खंडन किया है, जिसमें 34,000 एकड़ भूमि को बेचे जाने का दावा हुआ। जिसका भारतीय जनता पार्टी ने बृहस्पतिवार को ओडिशा सरकार के उस कथित निर्णय की निंदा की थी। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष पी के नायक का कहना है कि कानून मंत्री प्रताप जेना ने 16 मार्च को विधानसभा में बताया था कि बीजेडी सरकार ने भगवान जगन्नाथ के स्वामित्व वाली 34,000 एकड़ भूमि को बेचने का निर्णय लिया है।
मंदिर प्रशासन द्वारा समाधान किया जा रहा
इस बात को साफ़ करते हुए मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि जो भूमि लंबे समय से कई लोगों के अवैध कब्जे में है, उनका मंदिर प्रशासन द्वारा समाधान किया जा रहा है , यह दो दशक पहले बनाई गई नीति के तहत किया जा रहा है, ताकि भगवान जगन्नाथ की भूमि सुरक्षित रह सके।
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राशि इकठ्ठा करने का फैसला
बीजेपी के दावे के अनुसार, कानून मंत्री जेना ने कहा था कि आयोग की सिफारिशों के तहत राज्य सरकार की अनुमोदित नीति के अनुसार जमीन बेचने के कदम उठाए जा रहे हैं। जिसका मकसद 12वीं सदी के इस मंदिर के 650 करोड़ रुपए के कोष को साल 2023 तक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपए करना है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार ने मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों से राशि इकठ्ठा करने का फैसला किया।
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