Hindi Language Controversy: डीएमके ने हमेशा यूपी-बिहार के लोगों का किया अपमान, तीन साल पुरानी पोस्ट शेयर कर बीजेपी ने बोला हमला

Hindi Language Controversy: डीएमके ने वायरल वीडियो को पुराना करार देते हुए दयानिधि मारन का बचाव करने की कोशिश की है, जिस पर तमिलनाडु बीजेपी चीफ अन्नामलाई ने हमला बोला है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-25 12:59 IST

Hindi Language Controversy (Photo:Social Media)

Hindi Language Controversy. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के वरिष्ठ नेता और सांसद दयानिधि मारन के हिंदीभाषी विरोधी बयान को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। मारन ने जिस तरह की अपमानजनक टिप्पणी यूपी-बिहार के लोगों के लिए की, उससे इंडिया गठबंधन में भी भारी नाराजगी है। तमिलनाडु में डीएमके के साथ सरकार चला रही कांग्रेस ने इस मामले पर अब तक चुप्पी साध रखी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस, राजद, जदयू और सपा पर हमले तेज कर दिए हैं।

दरअसल, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह यूपी-बिहार के बाशिंदों के लिए अपमानजनक टिप्पणी करते नजर आ रहे थे। वह कह रहे थे कि यूपी-बिहार के हिंदी भाषी तमिलनाडु में शौचालय साफ करने आते हैं। इस पर जब बवाल हुआ तो डीएमके ने इसे पुराना वीडियो करार देते हुए मामले को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया। जिस पर अब तमिलनाडु बीजेपी चीफ अन्नामलाई ने जोरदार पलटवार किया है।

‘डीएमके ने हमेशा यूपी-बिहार के लोगों का किया अपमान’

राज्य बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके सांसद द्वारा यूपी और बिहार में हमारे दोस्तों की बदनामी के इस वीडियो पर डीएमके की ओर से एकमात्र प्रतिक्रिया यह है कि यह वीडियो पुराना है। डीएमके के नेताओं ने आज ही नहीं बल्कि हमेशा से यूपी - बिहार के लोगों का अपमान किया है। हाल ही में संसद में एक DMK सांसद ने उत्तरी राज्यों को गौमूत्र राज्य कहा।

बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा कि डीएमके आईटी विंग के द्वारा आज भी अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे उनके एक मंत्री प्रोत्साहित करते हैं। अन्नामलाई ने अपने ट्वीट में डीएमके मंत्री टीआरबी राजा का एक तीन साला पुराना ट्वीट भी शेयर किया है, जिसमें उनके द्वारा बिहार के लोगों का मजाक उड़ाया गया है।

क्या कहा था दयानिधि मारन ने ?

वायरल हो रहे वीडियो क्लिप में डीएमके सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन को अंग्रेजी और हिंदी सीखने वाले लोगों की तुलना करते सुना जा सकता है। जिसमें वो कहते हैं – यूपी-बिहार के हिंदी बोलने वाले लोग हमारे राज्य (तमिलनाडु) में आकर टॉयलेट और सड़क साफ करते हैं। वे सिर्फ हिंदी सीखते हैं, उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। जो अंग्रेजी सीखते हैं, वे आईटी कंपनियों में अच्छी नौकरी करते हैं।

मारन के इस बयान पर इंडिया गठबंधन में एकबार फिर असहज स्थिति पैदा हो गई। बीजेपी के ताबड़तोड़ हमले से गठबंधन के नेता बचाव के मुद्रा में आ गए हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने डीएमके सांसद के बयान की निंदा करते हुए कहा कि दूसरे राज्यों के नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि बिहार और यूपी के मजदूरों की पूरे देश में लोग मांग करते हैं, अगर वे न जाएं तो उनकी ज़िंदगी ठप्प हो जाएगी। डीएमके एक ऐसी पार्टी है जो सामाजिक न्याय में विश्वास करती है, ऐसी पार्टी के नेता की ओर से इस तरह का बयान आना अशोभनीय है।

बता दें कि इससे पहले इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई चौथी बैठक के दौरान भी हिंदी भाषा को लेकर विवाद हो गया था। अपने हिंदी भाषण का अंग्रेजी अनुवाद मांगे जाने पर बिहार सीएम नीतीश कुमार डीएमके सांसद टीआर बालू पर भड़क गए थे।

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