Lok Sabha Elections 2024: BJP की 13वीं लिस्ट जारी, नारायण राणे को रत्नागिरी से टिकट

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को प्रत्याशियों की 13वीं सूची जारी कर दी है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2024-04-18 11:28 IST

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए आज यानि गुरुवार (18 अप्रैल) को प्रत्याशियों की 13वीं सूची जारी कर दी है। जारी की गई सूची में महाराष्ट्र (Maharashtra) की एक लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा की गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से जारी की गई सूची के मुताबिक, इस बार रत्नीगिरी-सिंधुदुर्ग सीट (Ratnagiri- Sindhudurg) से नारायण राणे (Narayan Rane) को मैदान में उतारा गया है।

बता दें कि रत्नागिरी सिंधुदुर्ग (Ratnagiri- Sindhudurg) लोकसभा सीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना शिंदे गुट के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी। हालांकि, अब बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट के बीच बात बन गई है। इस सीट से पहले महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत के भाई किरण सामंत चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, अब शिंदे गुट ने सीट को लेकर अपनी दावेदारी वापस ले ली है। इसके बाद बीजेपी ने आज केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे का नाम फाइनल कर दिया है।

 शिवसेना उद्धव गुट ने विनायक राउत को दिया है टिकट

रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से शिवसेना उद्धव गुट ने विनायक राउत को चुनावी मैदान में उतारा है।  राउत यहां के मौजूदा सांसद भी हैं। इस सीट पर अब तक भाजपा चुनाव नहीं लड़ती थी। इससे पहले 2009 में नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे भी यहां से सांसद चुने गए थे, तब वह कांग्रेस के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे थे। 

कौन हैं नारायण राणे? (Who is Narayan Rane)

नारायण राणे महाराषट्र में शिवसेना की सरकार में 1999 में मुख्यमंत्री बनाए गए थे। श‌िवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था। नारायण राणे ने जुलाई 2005 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। 2008 के मुंबई हमले के बाद जब महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने रिजाइन दिया तो अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री बना दिया। इससे राणे नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था। इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया।

नारायण राणे ने इसके बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगी थी, तब उनका निष्काषन रद्द किया गया था। उन्हें पृथ्वीराज चौहान की कैबिनेट में उद्योग मंत्री बनाया गया, हालांकि उन्होंने जुलाई 2014 में पार्टी लीडरशिप से अनबन के चलते कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। 2016 में कांग्रेस ने उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य बनाया। इसके बाद सितंबर 2017 में राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। अक्टूबर 2017 में उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम की पार्टी बनाई और अक्टूबर 2019 में पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। 

 


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