BJP Rally: गुजरात और हिमाचल में भाजपा की चुनावी रणनीति तैयार, हर विधानसभा क्षेत्र में होगी पार्टी की बड़ी रैली

BJP Rally: गुजरात और हिमाचल प्रदेश भाजपा के मजबूत गढ़ रहे हैं और पार्टी अपने इन दोनों मजबूत किलों में विपक्ष की सेंधमारी नहीं होने देना चाहती।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-07-20 12:05 IST

गुजरात और हिमाचल में भाजपा की चुनावी रणनीति तैयार (photo: social media )

BJP Rally: गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए भाजपा (BJP) ने पुख्ता रणनीति तैयार की है। दोनों ही राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में पार्टी ने पूरी ताकत के साथ विपक्षी दलों की चुनौतियों का जवाब देने का फैसला किया है। पार्टी की रणनीति के मुताबिक दोनों ही राज्यों के हर विधानसभा क्षेत्र में बड़ी रैली करने की तैयारी है। इन रैलियों को केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी संबोधित करेंगे।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश भाजपा के मजबूत गढ़ रहे हैं और पार्टी अपने इन दोनों मजबूत किलों में विपक्ष की सेंधमारी नहीं होने देना चाहती। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amir Shah) का गृह राज्य है जबकि हिमाचल प्रदेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda)  का। दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और पार्टी अगला चुनाव भी जीतकर यहां पर अपनी ताकत दिखाना चाहती है।

बड़ी रैलियों की रणनीति तैयार

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी की रणनीति के मुताबिक बड़े नेताओं ने इन दोनों ही चुनावी राज्यों के दौरे पहले ही शुरू कर दिए हैं। अब पार्टी ने दोनों ही राज्यों के हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचने की योजना तैयार की है। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्र हैं। पार्टी ने दोनों ही राज्यों के हर विधानसभा क्षेत्र में बड़ी रैली करने की योजना तैयार की है। मानसून की विदाई के बाद इस रणनीति पर तेजी से अमल शुरू करने की तैयारी है।

केंद्रीय नेता और मुख्यमंत्री करेंगे संबोधित

पार्टी की ओर से फैसला किया गया है कि दोनों ही राज्यों में मुख्य चुनाव अभियान शुरू करने से पहले हर विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय नेताओं की एक रैली का आयोजन किया जाए। इस अभियान में केंद्रीय नेताओं के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मदद लेने की भी योजना है। पार्टी का मानना है कि इस अभियान से मतदाताओं को पार्टी की नीतियों और सरकार के कामों के बारे में जानकारी देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति पर भी काम चल रहा है।

पिछली बार भाजपा को मिली थी कड़ी चुनौती

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में पार्टी की बड़ी रणनीति के पीछे पुख्ता कारण बताए जा रहे हैं। गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी। हालांकि कांग्रेस के राज्य स्तरीय नेताओं के बीच गुटबाजी के कारण इस बार भाजपा को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार आम आदमी पार्टी भी भाजपा की घेराबंदी में जुटी हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल के दिनों में गुजरात के कई दौरे किए हैं।

दूसरी और हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। यही कारण है कि पार्टी दूसरे सियासी दलों से पहले मजबूत तरीके से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करना चाहती है।

गुजरात से निकलेगा बड़ा सियासी संदेश

भाजपा सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी का गृह राज्य होने के कारण गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से बड़ा सियासी संदेश निकलेगा। कुछ समय पहले गुजरात में कांग्रेस का मजबूत चेहरा माने जाने वाले हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पार्टी को पाटीदारों के बीच अपनी पैठ मजबूत बनाने में मदद मिली है।

दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के डेढ़ साल बाद ही पार्टी को 2024 की बड़ी सियासी जंग भी लड़नी है। इस कारण पार्टी दोनों ही राज्यों में पूरी ताकत लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। संसद के मानसून सत्र की समाप्ति के बाद पार्टी के बड़े नेताओं के दोनों राज्यों में दौर फिर शुरू होंगे।

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