हवाई जहाजों में बम की धमकियां : क्या है कानून और अब क्या सोच रही सरकार, जानिए सब कुछ
Bomb threats in airplanes : भारत में एयरलाइनों को बीते कुछ दिनों से एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
Bomb threats in airplanes : भारत में एयरलाइनों को बीते कुछ दिनों से एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वजह है तमाम एयरलाइन्स को मिलने वाली धमकियाँ जिनमें दावा किया गया कि कुछ खास उड़ानों में बम रखे गए हैं। हालाँकि इनमें से ज़्यादातर धमकियाँ झूठी साबित हुई हैं फिर भी इनसे अच्छी खासी परेशानी हुई है और व्यापक व्यवधान पैदा हुआ है। धमकियाँ कौन दे रहा है, इसके पीछे कौन है, इनका क्या मकसद है – अभी कुछ भी बताया नहीं गया है हालाँकि कई एजेंसियां इनकी तफ्तीश में लगी हुईं हैं।
क्या कहता है कानून?
बम की फर्जी धमकी देना कोई मासूम शरारत नहीं है। तमाम देशों में इसके लिए कानून हैं और सख्त सज़ा का प्रावधान है। भारत में पिछले कुछ वर्षों में कई लोग ऐसी धमकियाँ देते हुए पकड़े गए हैं। भारत में बम धमकियों के संबंध में कानून काफी सख्त हैं लेकिन फिलवक्त भारत में मौजूदा कानूनी ढाँचा खासतौर पर विमान को बम से उड़ाने की झूठी धमकियों से निपटने के लिए नहीं है जिससे अपराधियों पर मुकदमा चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियम भी काफी नहीं हैं। सोशल मीडिया और गुमनाम संचार प्लेटफ़ॉर्म के उदय ने व्यक्तियों के लिए पहचाने बिना धमकियाँ भेजना आसान बना दिया है। इससे अपराधियों को ट्रैक करने काफी चुनौतियाँ खड़ी होती हैं।
- अभी भी जो धाराएँ हैं उनके तहत सार्वजनिक शरारत, फर्जी बम विस्फोट की धमकी के लिए 3 साल तक की सजा का प्रावधान है।
- गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अगर बम की धमकी इतनी गंभीर है कि उसे आतंकवादी हरकत माना जा सकता है, तो यूएपीए के तहत आजीवन कारावास और भारी जुर्माना हो सकता है।
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005: आपातकालीन सेवाओं को बाधित करने वाली दहशत पैदा करने पर 1 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है। जिन मामलों में यूएपीए लगाया जाता है, उनमें आरोपी को बिना जमानत के लंबे समय तक हिरासत में रहना पड़ सकता है।
- सन्दर्भ के लिए बता दें कि अमेरिका में झूठी धमकी या झूठी सूचना के लिए 5 हजार डालर तथा 5 साल की जेल या दोनों की सजा का प्रावधान है।
अब क्या करने का इरादा है?
- हाल के दिनों में झूठी धमकियों की आई बाढ़ के मद्देनजर नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा है कि विमानन सुरक्षा नियमों के साथ-साथ नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम, 1982 में संशोधन की योजना बनाई जा रही है।
- सरकार एयरलाइनों को बम की धमकियों के मामलों से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जिसमें अपराधियों को पांच साल के लिए नो-फ्लाई सूची में डालना भी शामिल है। सोशल मीडिया या फोन कॉल जैसे बाहरी स्रोतों से बम की धमकी देने वाले व्यक्तियों को शामिल करने के लिए इसके दायरे का विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है।
- इसके अलावा जेल की सजा को और लम्बी अवधि के लिए करने का भी विचार है।
धमकी या सूचना पर क्या होता है?
जब बम की धमकी मिलती है, तो बम खतरा आकलन समिति द्वारा इसकी विश्वसनीयता का मूल्यांकन करने और उचित कार्रवाई निर्धारित करने के लिए गहन मूल्यांकन किया जाता है। अगर खतरा विशिष्ट माना जाता है, तो एयर ट्रैफिक कण्ट्रोल को सूचित किया जाता है और पायलटों को जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए जाते हैं, जैसे कि हवाई अड्डे पर वापस लौटना, गंतव्य की ओर बढ़ना, या पास के हवाई अड्डे पर जाना।
- अगर उड़ान भरने से पहले खतरे की सूचना मिलती है तो विमान को सुरक्षा जांच के लिए हवाई अड्डे पर ही एक अलग क्षेत्र में ले जाया जाता है।
- अगर उड़ान के दौरान कोई खतरा होता है, तो विमान को उपयुक्त हवाई अड्डे पर उतरने के लिए निर्देश दिया जाता है।
- उतरने पर विमान को एक अलग क्षेत्र में ले जाया जाता है, यात्रियों और चालक दल को उतार दिया जाता है, और सभी सामान और कार्गो को उतार दिया जाता है। यात्रियों और उनके सामान की फिर से जांच करने के साथ-साथ स्निफर डॉग और स्कैनिंग मशीनों का उपयोग करके निरीक्षण सहित पूरी तरह से सुरक्षा जांच की जाती है।
- अगर जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिलती है तो विमान को संचालन के लिए मंजूरी दे दी जाती है। लेकिन अगर कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो बम निरोधक दल तैनात किए जाते हैं, और इमरजेंसी रिस्पांस टीम को अलर्ट पर रखा जाता है।
असुविधा और खर्चा
भले ही अधिकांश खतरे झूठे अलार्म साबित होते हैं लेकिन हर सूचना को एयरलाइनों और अधिकारियों द्वारा समान रूप से गंभीरता से लिया जाता है। सुरक्षा जांच घंटों तक चल सकती है, जिसके चलते उड़ानों में व्यवधान, उड़ान रद्द होना और एयरलाइनों के लिए काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है।
बम की धमकियों से निपटने से यात्रियों को काफी देरी और असुविधा हो सकती है, क्योंकि प्रभावित विमान को रोका जा सकता है, जिससे संभावित उड़ान रद्द हो सकती है।