लो भैया 83 डाक्टर खतरे ! कोरोना से बचना है तो घर में ही रहना है

ये बात नालंदा मेडिकल कालेज के 83 जूनियर डॉक्टरों के पत्र से सामने आयी है। इन डाक्टरों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका जताते हुए तुरंत जांच कराए जाने और क्वारंटाइन पर भेजे जाने की माँग की है। ये डॉक्टर बिना किसी PPE के मरीज़ों का इलाज कर रहे थे।

Update: 2020-03-25 13:10 GMT

पटना। नालंदा मेडिकल कालेज के 83 जूनियर डॉक्टरों में कोरोना वायरस के लक्षणों की आशंका जताते हुए तुरंत जांच कराए जाने और क्वारंटाइन पर भेजे जाने का अनुरोध किया गया है। ये डॉक्टर बिना किसी PPE के मरीज़ों का इलाज कर रहे थे।

कोरोना से जंग में पीएमसीएच प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों को न तो पर्याप्त संख्या में मास्क मिल रहे हैं और न ही सेनेटाइजर। कोरोना से बचाव के लिए मिलने वाली दूसरी सुविधाओं का भी अभाव है।

डाक्टर, नर्स और दूसरे चिकित्साकर्मी संक्रमण की आशंका के बीच काम करने को मजबूर हैं। डाक्टरों को कोरोना से बचाव के लिए पहनी जाने वाली पीपीइ किट भी नहीं मिल पा रही है।

ये बात नालंदा मेडिकल कालेज के 83 जूनियर डॉक्टरों के पत्र से सामने आयी है। इन डाक्टरों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका जताते हुए तुरंत जांच कराए जाने और क्वारंटाइन पर भेजे जाने की माँग की है। ये डॉक्टर बिना किसी PPE के मरीज़ों का इलाज कर रहे थे।

जूनियर डाक्टरों के पत्र को नालंदा मेडिकल कालेज के अधीक्षक ने कार्रवाई व दिशा निर्देश के लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेजा है।

 

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