विपक्ष में फूट?: राष्ट्रपति से मिलने गई विपक्षी पार्टियां, BSP-SP सहित 4 दलों ने बनाई दूरी

Update: 2016-12-16 10:13 GMT

नई दिल्ली: नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट दिखा विपक्ष शुक्रवार को थोड़ा अलग नजर आया। शुक्रवार को एक बार फिर संसद में गतिरोध के बाद विपक्ष ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस मुलाकात में चार प्रमुख पार्टियां शामिल नहीं हुईं। एनसीपी, एसपी, बीएसपी और वामदल के नेता राष्ट्रपति से मिलने नहीं पहुंचे। राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया।

विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी की लड़ाई को राष्ट्रपति के सामने रखा। हालांकि विपक्षी दलों में उस समय दरार दिखी जब एसपी, बीएसपी, एनसीपी और वाम दल ने उनका साथ छोड़ दिया। हालांकि वाम दलों का कहना है कि 'सही संवाद न होने के चलते भ्रम की स्थिति पैदा हुई। इसलिए वे वहां नहीं पहुंच सके।

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सरकार ने सत्र नहीं चलने दिया

राष्ट्रपति से भेंट के बाद कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'नोटबंदी की वजह से कितने लोग लाइन में लगकर मर गए। कितने लोगों को तकलीफ हुई है। लोग बेरोजगार हुए हैं। मजदूर को मजदूरी भी नहीं मिल रही। किसानों को कठिनाई हुई है। हम इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराना चाहते थे, पर सरकार ने सत्र चलने नहीं दिया।' खड़गे ने आगे कहा, 'हम इस पर चर्चा चाहते थे। पर सरकार ने रोक दिया। सरकार ने सहयोग नहीं किया। हम बिना शर्त चर्चा के लिए तैयार थे।'

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सरकार ने किसानों, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया

इसी मुद्दे पर जनता दल यू (जेडीयू) के सांसद शरद यादव ने कहा, 'हम सरकार के नोटबंदी और कालेधन के खिलाफ उठाए कदम के साथ खड़े हैं। लेकिन देशभर में किसानों, गरीबों, मजदूरों का जो हाल हुआ है उसका क्या। सब्जीवालों की सब्जियां खेत में ही सड़ गईं। सरकार ने इसके लिए कुछ नहीं किया। सदन चलता तो बहुत सारे लोगों की दिक्कतों को उठाए होते। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया। इसी वजह से हम राष्ट्रपति से मिलने आए हैं।'

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