डोकलाम विवाद के बावजूद रक्षा बजट में खास इजाफा नहीं, GDP में घटा हिस्सा
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में पेश 2018-19 के आम बजट को हालांकि संतुलित रखा लेकिन रक्षा बजट को ज्यादा नहीं बढ़ाया। वित्त मंत्री ने बजट में रक्षा खर्च में इजाफा तो किया है, लेकिन चीन के साथ डोकलाम विवाद के बाद इसके और बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रक्षा खर्च बढ़ा है, लेकिन जीडीपी में इसका हिस्सा घटा है।
आम बजट 2018-19 में रक्षा मंत्रालय को कुल 2,95,511 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जो कुल बजटीय राशि का करीब 10 फीसदी है। जबकि यह राशि पिछले साल की तुलना में करीब 6 फीसदी अधिक है। रक्षा बजट देश के कुल बजट का 2.05 फीसदी है। बजट में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रक्षा मंत्रालय को वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 7.81 फीसदी अधिक आवंटन किया गया है, जो 2,74,114 करोड़ रुपए है और संशोधित अनुमान 2,79,003 करोड़ रुपए से 5.91 फीसदी अधिक है।
किसी मंत्रालय या योजना के लिए 'बजट अनुमान' उस राशि को कहते हैं जो अगले वर्ष के लिए आवंटित किया जाता है, जबकि संशोधित अनुमान साल के मध्य में लगाए गए अनुमान को कहा जाता है।
रक्षा मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आवंटित 2,95,511 करोड़ रुपए में से 99,947 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय के लिए हैं, जो सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण पर खर्च किए जाएंगे। रक्षा क्षेत्र के राजस्व व्यय के लिए 1,95,947 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं, जिसमें वेतन, प्रतिष्ठानों के रखरखाव और अन्य संबंधित व्यय शामिल हैं। रक्षाकर्मियों के पेंशन के लिए इन आवंटनों से इतर 1,08,853 करोड़ रुपए की एक अलग राशि का प्रावधान किया गया है।
आईएएनएस