DY Chandrachud: 'ब्रिटिश काल के एक और अवशेष को दफना दें', PM मोदी के सामने CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात, जानें यहां

CJI DY Chandrachud: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि जिला अदालत कानून का अहम घटक है तथा इसे ‘अधीनस्थ’ अदालत कहना बंद किया जाना चाहिए।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-31 16:17 GMT

CJI DY Chandrachud (सोशल मीडिया) 

CJI DY Chandrachud: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक ब्रिटिश काल के देश में मौजूद प्रतीक को खत्म करने की वकालत की। साथ ही, भारत में मौजूद को जिला अदालत को ‘न्यायपालिका की रीढ़’ करार दिया। दरअसल सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ शनिवार को जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन’ में भाग लेते हुए इन बातों को जिक्र किया और कार्यक्रम को संबोधित भी किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल रहे और उन्होंने भी इसको संबोधित किया।

न्याय का पहला दरवाज 'जिला अदालत'

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा कि जिला अदालत कानून का अहम घटक है तथा इसे ‘अधीनस्थ’ अदालत कहना बंद किया जाना चाहिए। न्याय की तलाश कर रहा कोई नागरिक सबसे पहले जिला न्यायपालिका से संपर्क करता है। जिला न्यायपालिका कानून का अहम घटक है। उन्होंने कहा कि जिला न्यायपालिका कानून के शासन का एक महत्वपूर्ण घटक है। हमारे काम की गुणवत्ता और जिन परिस्थितियों में हम नागरिकों को न्याय प्रदान करते हैं, उससे यह निर्धारित होता है कि उन्हें हम पर भरोसा है या नहीं और यह समाज के प्रति हमारी जवाबदेही की परीक्षा है, इसलिए जिला न्यायपालिका को बहुत बड़ी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है और इसे 'न्यायपालिका की रीढ़' के रूप में वर्णित किया जाना उचित ही है।

‘ब्रिटिश काल के एक और अवशेष दफनाने का समय’

सीजेआई ने कहा कि रीढ़ तंत्रिका तंत्र का मूल है। कानूनी व्यवस्था की रीढ़ को बनाए रखने के लिए, हमें जिला न्यायपालिका को अधीनस्थ न्यायपालिका कहना बंद करना चाहिए। स्वतंत्रता के पचहत्तर साल बाद, हमारे लिए ब्रिटिश काल के एक और अवशेष- अधीनता की औपनिवेशिक मानसिकता को दफनाने का समय आ गया है।

पीएम मोदी ने सम्मेलन का किया उद्घाटन

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जिला न्यायालय के न्यायाधीशों की दयनीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा जब तक उनके वेतन और बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं किया जाता, न्याय वितरण प्रणाली की मात्रा और गुणवत्ता में कमी आती रहेगी।

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