कोरोना संकट से धंधे चौपट लेकिन नौकरियों की भी भरमार
कोरोना संकट के कारण करोड़ों लोग लॉकडाउन में हैं। कल-कारखाने बंद पड़े हैं। अर्थव्यवस्था चौपट हुई जा रही है। लेकिन इस संकट और जबर्दस्त बंदी के बावजूद लोगों को खाना और दवाइयां तो चाहिए ही।
लखनऊ: कोरोना संकट के कारण करोड़ों लोग लॉकडाउन में हैं। कल-कारखाने बंद पड़े हैं। अर्थव्यवस्था चौपट हुई जा रही है। लेकिन इस संकट और जबर्दस्त बंदी के बावजूद लोगों को खाना और दवाइयां तो चाहिए ही। इस मांग को पूरा करने के लिए ईकॉमर्स कंपनियाँ, सुपरमार्केट्स, ऑनलाइन फार्मेसी और लैब्स आदि को ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी चाहिए।
इसके लिए तमाम कंपनियां बड़े पैमाने पर भर्तियाँ कर रही हैं। मेरियट और हिल्टन जैसी होटल चेन कंपनियों ने अपने छ्टनी हुये कर्मचारियों को फूड, हेल्थ केयर और खुदरा व्यापार में काम दिलाने की कवायद शुरू की है।
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अमेजन करेगा एक लाख भर्तियां
इस दौर में जब लोग घरों में बंद हैं। तब ग्राहकों के लिए अमेज़न एक बहुत महत्वपूर्ण ठिकाना हो गया है। अमेज़न के लिए भी ये चुनौती का वक्त है क्योंकि ऑनलाइन ऑर्डर की भरमार से निपटना भी बहुत बड़ा काम है। साथ ही अमेज़न के लिए ऑनलाइन बाजार का बड़ा हिस्सा हथियाने का मौका है। अमेरिका में अमेज़न के पास 4 लाख कर्मचारी हैं और पिछले हफ्ते ही उसने एक लाख और भर्तियाँ करने का ऐलान किया है। अमेज़न के मालिक जेफ बेजोस ने इंस्टाग्राम पर लिखा भी कि हमें उम्मीद है कि नौकरी गवां चुके लोग जब तक अपने पुराने काम को दोबारा हासिल नहीं कर लेते, वे हमारे लिये काम करेंगे। बेजोस के लिए ये बात कहना आसान है क्योंकि अमेज़न को अरबों डालर नकदी का फ्लो बना हुआ है। और उसके पास इतना पैसा है कि वह काफी समय तक संकट झेल भी सकता है। लेकिन सिर्फ अमेज़न ही नहीं, कई अन्य कंपनियां बड़े पैमाने पर भर्तियाँ कर रही हैं।
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- 14 लाख कर्मचारियों वाले वालमार्ट ने 1.5 लाख और भर्तियाँ करने का फैसला किया है।
- इंस्टाकार्ट 3 लाख भर्तियाँ करेगा। इसके पास अभी 1.3 लाख कर्मचारी हैं।
-डोमिनोज़ 10 हजार और कर्मचारी रखेगा। अभी इसके पास 1.20 लाख कर्मचारी हैं।
-पेप्सिको 6 हजार भर्तियाँ कर रहा है।अभी इसके पास 90 हजार कर्मचारी हैं।
- सीवीएस कंपनी के पास 2.90 लाख कर्मचारी हैं और अब वह 50 हजार और भर्तियाँ करने जा रही है।
- पीज़ा हट 30 हजार कर्मचारी रखने जा रहा है।
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कहीं बंदी तो कहीं नौकरी
हाल के समय तक नौकरियों की स्थिति बहुत टाइट थी। दो महीने पहले ही अमेरिका में बेरोजगारी दर 3.5 फीसदी थी जो 50 साल का सबसे निचला स्तर था। इसी बीच कोरोना महामारी का विस्फोट हो गया। विश्लेषकों का कहना है कि मार्च के महीने में ही अमेरिका में सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े करीब 10 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे जिनमें ज़्यादातर रेस्तरां के कर्मचारी होंगे। लेकिन वहीं डिलिवरी इंडस्ट्री में बूम आयेगा। विश्लेषकों का कहना है कि लंबे समय में छोटे व्यवसायों पर क्या असर पड़ेगा ये बता पाना बहुत मुश्किल है।