शिक्षक भर्ती घोटालाः ममता सरकार को हाईकोर्ट का बड़ा झटका, रद्द की 24 हजार टीचर्स की भर्ती

Teacher recruitment scam: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल स्कूल सेवा आयोग पैनल द्वारा की गई स्कूल शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है। भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने तक के आरोप हैं।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-04-22 08:21 GMT

West Benagal Teacher recruitment scam (photo: social media )

Bengal Teacher recruitment scam: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उन्हें यह झटका शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में लगा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग पैनल द्वारा की गई स्कूल शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने 2016 का पूरा जॉब पैनल रद्द कर दिया है और लगभग 24 हजार नौकरियां हाईकोर्ट ने रद्द कर दीं। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने तक के आरोप हैं।

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कई तृणमूल पदाधिकारियों के साथ ही राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जेल में पहुंच चुके हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं।

2014 में हुआ था घोटाला

शिक्षक भर्ती का यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन ने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। यह भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस समय की ममता बनर्जी सरकार में पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।


फेल उम्मीदवारों को भी मिल गई नौकरी

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है। इतना ही नहीं कुछ शिकायतें तो ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी। जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है। यही नहीं इसी तरह से राज्य में 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं। हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ईडी ने शिक्षक भर्ती और कर्मचारियों की भर्ती के मालमे में मनी ट्रेल की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को पार्थ चटर्जी से पूछताछ भी की थी।


जब ईडी ने अर्पिता के घर से बरामद किए थे 21 करोड़

इस मामले में ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। पार्थ चटर्जी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। जब पार्थ चटर्जी से अर्पिता की पहचान पूछी गई, तो उन्होंने इस बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद ईडी के रडार पर अर्पिता मुखर्जी आ गईं। जब ईडी ने अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारा तो करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले। उसके बाद ईडी ने 24 जुलाई को अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभी ईडी की कस्टडी में हैं और पूछताछ चल रही है। ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने अपनी कुछ संपत्तियों के बारे में जानकारी दी थी।

अर्पिता एक मॉडल हैं। वे बंगला और ओडिशा फिल्मों में छोटे मोटे रोल करती रही हैं। इतना ही नहीं अर्पिता पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा में ब्रांड एंबेसडर रही हैं। इसके बाद ईडी ने अर्पिता के दूसरे ठिकानों पर छापा मारा। ईडी को अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला। इसमें 2000 रुपए और 500 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा ईडी को 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल हैं। इतना ही नहीं इस ठिकाने से एक सोने का पैन भी मिला है।


केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं जांच

कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां कथित शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितताओं की जांच कर रही हैं। जांच के दौरान प्रसन्ना रॉय का नाम सामने आया था, जिसके बाद पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में कोलकाता में चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यापारियों सहित अन्य लोगों के घर और ऑफिस पर छापेमारी की थी।

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