‘पहली नजर में प्यार, शादी और ख्वाहिश....शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी का आया वीडियो, सुनकर हो जाएंगे भावुक

captain anshuman singh: उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को हम दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। उसके अगले दिन 19 जुलाई को मुझे भारतीय सेना की ओर से मुझे टेलीफोन आता है और मुझसे कहा जाता है कि कैप्टन अंशुमान सिंह नहीं रहे।

Report :  Viren Singh
Update:2024-07-06 17:00 IST

Captain Anshuman Singh (सोशल मीडिया) 

Captain Anshuman Singh: बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में सात जवानों के मरणोपरांत सम्मान दिया था। इन सात बलिदानियों में कैप्टन अंशुमान सिंह (Captain Anshuman Singh) का भी नाम शामिल था, जिन्होंने दुनिया की सबसे दुर्गम चोटी सियाचिन ग्लेशियर में पोस्टिंग के दौरान अदम्य साहस देखा कर अपने साथियों को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनके इस साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने के लिए कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और मां समारोह में मौजूद रहीं और दोनों से सम्मान प्राप्त किया। सम्मान प्राप्त करने के बाद उनकी पत्नी स्मृति अपने शहीद पति कैप्टन अंशुमान सिंह के लिए जो बातें कही हैं, उसको जिसने भी सुना होगा, वह भावकु जरूर हुआ होगा। अब स्मृति का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। लोग वीडियो को लाइक करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

शहीद पति को मिले मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्राप्त करने के बाद उनकी स्मृति ने अपने पति के साथ बिताए पलों और उसके भारतीय सेना में रहते हुए साहस पर बात की। साथ ही दोनों के बीच पहली मुलाकात का भी जिक्र किया। शहीद पति कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति ने बताया कि जब हम दोनों कॉलेज के फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रहे थे तो हमारी मुलाकात हुई थी। हमारा प्यार पहली नजर वाला था। वो लव एट फर्स्ट साइट थी। हालांकि प्यार कभी परवान ही चढ़ा रहा था कि अंशुमान आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए सेलेक्ट हो गए। वह पढ़ाई के लिए कॉलेज चले गए, लेकिन हम दोनों का प्यार लंबी दूरियों के बाद कम नहीं बल्कि और एक-दूसरे के लिए और मजबूत हुआ।

पहली मुलाकात में प्यार, फिर शादी

स्मृति ने कहा हमारे पति वास्तव में काफी बुद्धिमान इंसान थे। एक महीने की मुलाकात के बाद हम दोनों के बीच आठ सालों की लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप चली। इसके बाद हम दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंधे। हमारी शादी के दो महीने बीते थे कि उनकी पोस्टिंग सियाचिन हो गई। अब स्मृति ने जो बातें कहीं। उसको सुनकर हर भारतीय के आंखों से आंसू आ जाएंगे और सीना भी गर्व से चौड़ा होगा। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को हम दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई। हम दोनों ने अगले 50 सालों के जिंदगी के बारे में बात की। हम लोगों का अपना हर होगा। हमारे बच्चे होंगे। ऐसे सपने हम दोनों ने देखते, लेकिन भगवान ने हमारे सपने को सपने के लिए ही रखा। उसके अगले दिन 19 जुलाई को मुझे भारतीय सेना की ओर से मुझे टेलीफोन आता है और मुझसे कहा जाता है कि कैप्टन अंशुमान सिंह नहीं रहे।

वो मेरे हीरो हैं

उन्होंने बताया कि सात और आठ घंटों तक तो हमें यकीन नहीं हुआ कि ये बात सच है। इस घटना को एक साल बीते गए, तब तक यकीन नहीं हुआ है कि वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अब जब मेरे हाथ में कीर्ति चक्र है तो मुझे अब ऐसा लग रहा है कि वो अब इस दुनिया में नहीं हैं। वो मेरे लिए हीरो हैं। उन्होंने दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान दे दी। हम किसी तरह अपनी जिंदगी जी लेंगे।

वो 19 जुलाई की रात...

कैप्‍टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर पोस्टिंग के दौरान सेना के गोला बारूद बंकर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग में जवानों को बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। अदम्य साहस का परिचय देते हुए बंकर में दाखिल हुए और तीन जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन इस दौरा वह बुरी तरह झुलस गए। सभी जवावों को वहां से एयरलिफ्ट करते हुए चंडीगढ़ लाया गया, लेकिन कैप्टन अंशुमान सिंह को नहीं बचाया जा सका। वह वीर गति को प्राप्त हो गए।

देवरिया के रहने वाले थे कैप्टन अंशुमान

कैप्‍टन अंशुमान सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया के लार थाना इलाके के बरडीहा दलपत के रहने वाले थे। हालांकि उनका परविवार लखनऊ के पारा मोहान रोड पर रहता है। उनकी पत्नी सृष्टि सिंह पेशे से इंजीनियर हैं। वह नोएडा में एमएनसी कंपनी में काम करती हैं। कैप्‍टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह सेना में जेसीओ रह चुके हैं।


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