वादों पर अमल भूल गए कैप्टन, किसानों की कर्जमाफी पर बढ़ रहा रार

Update:2017-09-08 14:14 IST

दुर्गेश पार्थसारथी की स्पेशल रिपोर्ट

चंडीगढ़: मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य की कमान संभाले छह माह का समय हो गया, लेकिन चुनावी घोषणापत्र में किया गया एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कैप्टन के छह माह के कार्यकाल के दौरान न तो किसानों का कर्ज माफ हुआ है और ना ही युवाओं को रोजगार मिला है और ना ही मोबाइल फोन। किसान यूनियनों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसान यूनियनों का कहना है कि कैप्टन सरकार के इसी लालीपॉप के चक्कर में अब तक सूबे के दो सौ से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन सरकार न तो अपना वादा पूरा कर रही है और ना ही अपने वादे से मुकर रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार किसानों के साथ ही प्रदेश के 50 हजार युवाओं से भी धोखा कर रही है। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही युवाओं को पक्की नौकरी दी जाएगी, लेकिन यह वादा भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। किसान यूनियनों ने 22 सितंबर को पटियाला स्थित कैप्टन के महल का घेराव करने की चेतावनी भी दे दी है।

आप ने फेंका पासा

प्रदेश विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रही आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी किसानों के कर्ज के मर्ज पर सहायता राशि का मरहम लगाना शुरू कर दिया है। पार्टी ने आत्महत्या कर चुके किसानों के परिजनों को सहायता राशि देने का काम शुरू कर दिया है। पिछले दिनों विधानसभा में पार्टी के नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कर्ज से तंग आकर खुदकशी कर चुके किसानों के 20 परिजनों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार सहायता राशि व 50 परिवारों को 2500 रुपये प्रति माह पेंशन देने की घोषणा करते हुए कैप्टन सरकार पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले दस साल अकाली-भाजपा सरकार ने किसानों को धोखा दिया और अब प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुखिया कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के साथ बेरोजगार युवाओं को भी धोखा दे रहे हैं। आप नेता ने सहायता राशि वितरण समारोह के दौरान कहा कि कैप्टन के सत्ता में आने के बाद अब तक दो सौ से अधिक किसान खुदकशी कर चुके हैं, लेकिन प्रदेश सरकार कर्जमाफी के मामले में केवल नाटकबाजी कर रही है। इसलिए आप को पीडि़त किसान खेत मजदूर बचाओ अभियान की शुरुआत करनी पड़ी है।

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भाजपा ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

प्रदेश की सत्ता से दूर हुई भाजपा ने अब संकल्प यात्रा के बहाने पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 23 अगस्त को अमृतसर के जलियांवाला बाग में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री विजय सांपना ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने गए थे। प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या कैप्टन ने जेटली से पूछकर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। सांपला ने पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार किसानों को गुमराह ही करती रहेगी या उनका कर्ज भी माफ करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बागडोर नासमझों व गैर जिम्मेदार लोगों के हाथ है। किसी मंत्री के पास इतनी समझ नहीं है कि सूबे की सरकार चलानी कैसे है, राजस्व कहां से आएगा और कहां खर्च हो। पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री कहा कि कैप्टन सरकार का एजेंडा ही किसानों का कर्ज माफ करना था तो इसमें इतनी देरी क्यों की जा रही है।

शुरू हो चुकी है कर्जमाफी की प्रक्रिया

कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में किसानों के कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके पहले चरण में कोआपरेटिव बैंक से उन छोटे किसानों की जानकारी मांगी गई है जिनके पास दो से पांच एकड़ जमीन है। सहकारी सभाओं से लगभग साढ़े सात लाख किसान जुड़े हैं। ऐसे में राज्य सरकार जल्द ही छोटे किसानों के कर्ज माफी का प्रस्ताव परित कर सकती है। पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है। हो सकता है पहले चरण में छोटे किसानों को राहत दी जाए।

पूरे ही नहीं करने थे तो सपने दिखाए क्यों

भाजपा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मी कांता चावला ने कहा कि जब कैप्टन को वादे नहीं पूरे करने थे तो उन्होंने लोगों को सपने दिखाए क्यों। ऐसे वादों का कोई मतलब नहीं जिन्हें पूरा ही न किया जा सके। वोट हासिल करने के लिए किसी की भावनाओं से किसी पार्टी को खेलने का हक नहीं है। चुनावी घोषणापत्र में कई ऐसे वादे किए गए हैं, जिन्हें पूरा करना प्रदेश सरकार के लिए टेढ़ी खीर की तरह है। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा भी पूरा होता नहीं दिखता। सरकार बने लगभग छह माह का समय होने वाला है। सवाल यह है कि इन छह महीनों में प्रदेश के विकास व किसानों की आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दों को हल करने के लिए सरकार ने क्या किया है। स्मार्ट फोन व कर्ज माफी के लिए कैंप लगाकर फार्म भरवाए गए मगर यह नहीं सोचा कि इसके लिए पैसा कहां से आएगा।

नौकरी का वादा भी नहीं हो रहा पूरा

पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी का कहना है कि चुनाव से पूर्व कैप्टन ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन किसानों की कर्ज माफी की तरह यह वादा भी पूरा होता नहीं दिख रहा है। कुछ कांग्रेसी नेता कह रहे हैं कि युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है मगर ये मेले कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस इसे चुनावी मेनीफेस्टो के वादों से जोडक़र युवाओं को गुमराह कर रही है। नशा तस्करी पर भी लगाम नहीं लग रही है। प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ी है। किसानों की कर्जमाफी का कोई रास्ता फिलहाल नहीं दिख रहा है।

कर्जदार किसानों पर मंडरा रहा है कुर्की का खतरा

कर्जमाफी की आस में बैंक व आढ़तियों के बड़े या छोटे बकाएदार किसानों ने बैंक का मूल धन की बात तो दूर उसका ब्याज भी जमा करना छोड़ दिया है। ऐसे में किसनों पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में नई सरकार के गठन को करीब छह माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन कर्ज माफी की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाए जाने से किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव इसी मुददे पर लड़ा है। पाटी चुनावी घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी पहले नंबर पर थी। मूल धन या उसका ब्याज न भर पाने वाले किसानों को किसी भी समय बैंक डिफाल्टर घोषित कर उनकी संपत्ति को कुर्क कर सकते हैं। हालांकि इस मामले में एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचकिा दाखिल कर 109 वर्ष पुराने कानून की समीक्षा करने की गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि कर्ज अदा न कर पाने की स्थिति में किसान की जमीन और ट्रैक्टर को शामिल न किया जाए।

अकालियों ने भी मिलाया सुर में सुर

शिरोमणि अकाली दल भी कैप्टन सरकार पर हमलवार हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बहू व केंद्रीय मंत्री हरसीमरत कौर बादल ने कहा कि जब कैप्टन सरकार को किसानों, युवाओं व प्रदेश की जनता से किया वादा पूरा ही नहीं करना था तो लोगो मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाए ही क्यों। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि इनका तो नारा ही था कर्जा कुर्की कुर्की माफ तो अब यह नारा कहां गया। प्रदेश के 50 लाख लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया था लेकिन सरकार गठन के बाद अब तक युवाओं को कोई नौकरी नहीं मिली।

सरकार के वादा पूरा करने का दावा

सरकार में अच्छी पैठ रखने वाले कांग्रेसी विधायक ओपी सोनी व विधायक डा. राजकुमार वेरका ने कहा कि युवओं को रोजगार देने की दिशा सरकार अपना वादा पूरा कर रही है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में प्रतिष्ठित निजी कंपनियां भागीदारी निभा रही हैं। मेले में शिक्षित व हुनरमंद युवाओं को इंटरव्यू के बाद नौकरी के ऑफर लेटर दिए जा रहे हैं। रही बात किसानों के कर्ज माफी की तो सरकार इस दिशा गंभीरत से काम कर रही है। जल्द ही किसानों का कर्ज भी माफ कर दिया जाएगा। नशा तस्करों पर भी नकेल कसी गई है।

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