Mahua Moitra: जानिए कौन हैं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा? जिन्होंने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में गंवाई लोकसभा की सदस्यता
Mahua Moitra: लंदन की बैंकिंग कंपनी की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर महुआ मोइत्रा वापस बंगाल लौटीं। उन्होंने 2016 के पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में करीमपुर सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंचीं। इसके बाद 2019 में महुआ पहली बार टीएमसी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ीं और जीत कर लोकसभा पहुंच गईं। महुआ ने भाजपा के कल्याण चौबे को 63 हजार वोटों से हराया था।
Mahua Moitra: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में लंबे समय से चर्चाओं में रहीं महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को इस मामले में महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया। इससे पहले लोकसभा मंे विपक्ष सांसदों ने महुआ के समर्थन में जमकर हंगामा भी किया।
आइए जानते हैं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के बारे में जिन्होंने रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने को लेकर अपनी लोकसभा की सदस्यता गवा दी।-
कौन हैं महुआ मोइत्रा?
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा का जन्म कोलकाता में हुआ था। महुआ ने कोलकाता में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। पढ़ाई पूरी होने के बाद महुआ लंदन की प्रतिष्ठित बैंकिंग कंपनी में नौकरी करने लगीं। महुआ देखते ही देखते काफी कम समय में ही इस कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट भी बन गईं। इसी दौरान महुआ को राजनीति करने का शौक जगा और वह अपनी इतनी अच्छी नौकरी को छोड़ बंगाल की राजनीति से जुड़ने का फैसला किया। लंदन की बैंकिंग कंपनी की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर महुआ मोइत्रा वापस बंगाल लौटीं। उन्होंने 2016 के पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में करीमपुर सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंचीं। इसके बाद 2019 में महुआ पहली बार टीएमसी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ीं और जीत कर लोकसभा पहुंच गईं। महुआ ने भाजपा के कल्याण चौबे को 63 हजार वोटों से हराया था।
भाजपा सांसद ने लगाए थे महुआ पर आरोप
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं। हाल ही में, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। इसके साथ उन्होंने टीएमसी सांसद और व्यापारी के बीच नकद और उपहारों के आदान प्रदान होने का भी दावा किया था। उन्होंने बताया कि संसद में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद और व्यवसायी के बीच पैसों और उपहार का आदान प्रदान होता है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच समिति गठित करने और उन्हें सदन से ‘तत्काल निलंबित‘ करने की मांग की थी।
दुबे ने लगाए थे यह भी आरोप
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में निशिकांत दुबे ने कहा था कि जब भी संसद सत्र होता है, महुआ मोइत्रा और वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय के नेतृत्व में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की चिल्लाने वाली ब्रिगेड, किसी न किसी बहाने से हर किसी के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की आदत रखती है। हैरान करने वाली इस रणनीति के तहत महुआ मोइत्रा अन्य सदस्यों के बहस करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जबकि अन्य सांसद आम लोगों के मुद्दों और सरकार की नीतियों पर चर्चा करना चाहते हैं।
मोइत्रा ने फर्जी डिग्री का लगाया आरोप
वहीं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों पर पलटवार करते हुए महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट किया था। जिसमें महुआ ने निशिकांत दुबे पर भर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया है। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए महुआ मोइत्रा ने कहा कि जांच के लिए उनके दरवाजे पर आने से पहले उन्हें अदानी कोयला घोटाला मामले में कार्रवाई का इंतजार है। महुआ ने कहा कि इस मामले में ईडी और अन्य जांच एजेंसियों को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।
अब लगाया दर्शन हीरानंदानी ने बड़ा आरोप
बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने हाल ही में अपने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। इस हलफनामे में दर्शन ने कई अहम खुलासे किए। दर्शन ने हलफनामे में लिखा कि पीएम मोदी की बेदाग छवि ने विपक्ष को उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं दिया, ऐसे में महुआ ने मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना साधने का रास्ता चुना। दर्शन ने दावा किया है कि अदाणी पर निशाना साधने के लिए महुआ मोइत्रा के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड का उपयोग किया और ये भी कहा कि महुआ के संसदीय लॉगइन और पासवर्ड उनके भी पास हैं और वह खुद ही महुआ की तरफ से संसद में सवाल डाल देते थे।
महुआ ने दिया ये जवाब
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी के आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में महुआ ने कई बड़े दावे किए हैं और पीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महुआ ने लिखा कि तीन दिन पहले हीरानंदानी ग्रुप ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें उन्होंने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। अब एक हलफनामा मीडिया में लीक हो रहा है, जो किसी लेटरहेड पर नहीं है और ये भी नहीं पता है कि यह कहां से लीक हुआ है। जिसे लेकर कुछ गंभीर सवाल उठ रहे हैं। महुआ मोइत्रा ने प्रेस विज्ञप्ति में पूछा कि सीबीआई और संसद की नैतिक समिति ने या फिर किसी भी जांच एजेंसी ने अभी तक दर्शन हीरानंदानी को समन नहीं भेजा है। ऐसे में उन्होंने ये हलफनामा किसे दिया? हलफनामा एक सफेद पेपर पर है ना कि किसी लेटरहेड पर या फिर नोटरी पर। देश का सबसे इज्जतदार और पढ़ा-लिखा बिजनेसमैन एक सफेद पेपर पर हस्ताक्षर क्यों करेगा अगर उसके सिर पर किसी ने बंदूक ना रखी हो तो?