ABG Shipyard Scam: CBI को मिली ऋषि अग्रवाल की 4 दिन की कस्टडी, करोड़ों रुपये के बैंक फ्रॉड का है आरोप

28 बैंकों को 22 हजार करोड़ रूपये से अधिक का चुना लगाने वाले एबीजी शिपयार्ड कंपनी के चेयरमैन ऋषि कमलेश अग्रवाल चार दिन सीबीआई की कस्टडी में रहेंगे।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-09-23 18:27 IST

ABG Shipyard Chairman Rishi Agarwal। (Social Media)

ABG Shipyard Scam: देश के 28 बैंकों को 22 हजार करोड़ रूपये से अधिक का चुना लगाने वाले एबीजी शिपयार्ड कंपनी के चेयरमैन ऋषि कमलेश अग्रवाल (ABG Shipyard Company Chairman Rishi Kamlesh Agarwal) अभी कुछ दिन और सीबीआई (CBI) की कस्टडी में रहेंगे। सीबीआई को ऋषि की चार दिन की कस्टडी मिली है। जांच एजेंसी ने बुधवार 21 अप्रैल को बैंक धोखाधड़ी के मामले (bank fraud case) में उन्हें गिरफ्तार गिया था। सीबीआई ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आधिकारिक पद के दुरूपयोग के कथित अपराधों के लिए ऋषि अग्रवाल और अन्य पर मामला दर्ज किया था।

ABG Shipyard के फाउंडर-चेयरमैन ऋषि अग्रवाल (ABG Shipyard Company Chairman Rishi Kamlesh Agarwal) एस्सार समूह के मालिक शशि रूइया (Essar Group owner Shashi Ruia) के भांजे हैं। कंपनी की स्थापना साल 1985 में हुई थी। गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी शिपयार्ड कंपनी जहाज बनाने और उसके मरम्मत का काम करती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अब तक 160 से अधिक जहाज बना चुकी है। इनमें से 46 विदेशी बाजारों के लिए थे। बाजार पर नजर रखने वाले जानकार बताते हैं कि कंपनी ने एक समय खूब मुनाफा कमाया था।

लेकिन धीरे – धीरे कंपनी के सितारे गर्दिश में आने लगे। साल 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। कंपनी जब मुनाफे में थी तब बैंकों ने आंख मूंदकर लोन दिए। साल 2013 में कंपन जब घाटे में चलने लगी तब इसने लोन चुकाना बंद कर दिया। नवंबर 2013 में इस लोन अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया गया।

किस बैंक का कितना पैसा बकाया ?

एबीजी शिपयार्ड के फाउंडर ऋषि अग्रवाल ने देश के अब तक के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। कंपनी को निजी क्षेत्र की बैंक आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों के कन्सोर्टियम ने भारी भरकम लोन दिया था। इस शिपिंग कंपनी पर आईसीआईसीआई बैंक का 7089 करोड़ रूपये, आईडीबीआई बैंक का 3634 करोड़ रूपये, एसबीआई का 2925 करोड़ रूपये, बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,614 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक का 1,244 करोड़ रुपए, एक्जिम बैंक का 1,327 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक का 1,228 रुपए और बैंक ऑफ इंडिया का 719 करोड़ रूपये बकाया है।

एसबीआई ने 2019 में की थी शिकायत

सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक एसबीआई ने इस मामले में पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 को सीबीआई के पास दर्ज कराई थी। डेढ़ साल से अधिक समय तक चले जांच के बाद 7 फरवरी 2022 में सीबीआई ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की। एसबीआई ने अपनी शिकायत में बताया कि, बैंकों द्वारा दी गई रकम का इस्तेमाल दूसरे मदों में किया गया। मतलब ये कि पैसा किसी ओर चीज के लिए लिया गया और निवेश कहीं और किया गया। एबीजी शिपयार्ड के फाउंडर ऋषि अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने कर्ज में मिले पैसे का इस्तेमाल कंपनी को घाटे से उबारने के बजाय विदेश में संपत्ति बनाने में खर्च की। 

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