Sandeshkhali के आरोपी शेख शाहजहां को बिना लिए लौटी CBI, जानें CID ने क्यों नहीं सौंपा?
Shajahan Sheikh: ED ने कोलकाता में शेख शाहजहां सहित अन्य के खिलाफ चल रही जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से 12.78 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति अटैच की।
Sandeshkhali Case: कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के आदेश के बावजूद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। सीबीआई टीम संदेशखाली मामले के आरोपी शेख शाहजहां (Sheikh Shahjahan) को लेने सीआईडी ऑफिस गई थी, मगर उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीआईडी ने सुप्रीम कोर्ट में केस होने का हवाला देते हुए शेख शाहजहां की कस्टडी देने से मना कर दिया। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता में शाहजहां शेख तथा अन्य के खिलाफ चल रही जांच में मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से 12.78 करोड़ रुपए की चल- अचल संपत्ति को अटैच किया है।
अर्द्धसैनिक बलों के साथ पहुंची थी CBI
सीबीआई की टीम शेख शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) के साथ कोलकाता में सीआईडी के दफ्तर पहुंची थी। लेकिन, केंद्रीय जांच एजेंसी को खाली हाथ लौटना पड़ा। सीआईडी ने संदेशखाली के आरोपी को ले जाने नहीं दिया।
ED एक्शन में, 12.78 Cr. मूल्य की संपत्ति कुर्क
आपको बता दें, कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई 6 मार्च को हो सकती है। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सीनियर वकील अभिषेक सिंघवी (Abhishek Singhvi) ने जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) और जस्टिस दीपांकर दत्ता (Justice Dipankar Dutta) की बेंच के सामने इस मामले का जिक्र किया। उन्होंने तत्काल सुनवाई की मांग की। बता दें, ये ऐसे समय में सामने आ रहा है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शाहजहां शेख का अपार्टमेंट, जमीन सहित 12.78 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की।
कलकत्ता HC ने क्या दिया था आदेश?
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम (TS. Sivagnanam) की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्देश दिया कि, इसका पालन मंगलवार शाम 4:30 बजे तक होना चाहिए। इसी आदेश के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) शाहजहां शेख को कस्टडी में लेने गई थी। ईडी और राज्य सरकार दोनों ने सिंगल बेंच के 17 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के अधिकारियों पर उग्र भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया गया था।
ED और ममता सरकार क्या है कहना?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने 17 जनवरी के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था। इस आदेश में कहा गया था कि, ED अधिकारियों पर भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (SIT) की गठन की जाए। इस सम्बन्ध में ईडी चाहती थी कि, जांच केवल सीबीआई को सौंपी जाए। राज्य सरकार की इच्छा थी कि, मामला सिर्फ बंगाल पुलिस (Bengal Police) को दिया जाए।