नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने स्कूलों से कहा है कि जनवरी से छात्रों से ली जाने वाली फीस को ऑनलाइन या कार्ड से लिया जाए। सीबीएसई ने ये भी कहा कि वेतन भी बैंक ट्रांसफर के जरिए ही किए जाएं।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद आम आदमी के पास कैश की कमी हो गई है। केंद्र सरकार भी कैशलेश ट्रांजेक्शन दे रही है। इसी के तहत सीबीएसई ने ये फैसला लिया है। अब तक जहां स्कूलों में चेक के जरिए 60 फीसदी भुगतान होता था, वहीं यह पिछले महीने बढ़कर 80 फीसदी तक हो गया।
स्कूलों ने कैशलेस ट्रांजैक्शन शुरू
अगले शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में कार्ड से भुगतान के लिए 'प्वाइंट ऑफ सेल' (पीओएस) मशीन लाने की तैयारी हो रही है। उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु के ज्यादातर स्कूलों ने कैशलेस ट्रांजैक्शन शुरू कर दिया है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एक स्कूल की को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि 'हम कैश और चेक दोनों से भुगतान ले रहे हैं। लेकिन नोटबंदी के बाद हमने अभिभावकों से चेक या ऑनलाइन फीस जमा करने की कोशिश की है।'
फैसला व्यावहारिक रूप से सही नहीं
इस मुद्दे पर मैनेजमेंट ऑफ इंडिपेंडेंट सीबीएसई स्कूल्स एसोसिएशन (एमआईसीएसए) के सेक्रेटरी मंसूर अली खान के मुताबिक, यह एक अच्छा कदम है। इससे स्कूलों में भीड़ कम होगी। लेकिन ऑनलाइन पेमेंट को जनवरी 2017 से लागू करने के फैसले को व्यावहारिक रूप से सही नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा, 'ग्रामीण इलाकों में कम बजट स्कूल होते हैं। यहां ज्यादातर कैश से भुगतान होता है। इसे कैशलेश ट्रांजैक्शन में बदलने में समय लगेगा।'