Onion Export: चुनाव से पहले केंद्र सरकार का बड़ा दांव, प्याज एक्सपोर्ट से हटाया बैन
Onion Export: कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में आग लगी हुई थी। ऐसे में देखा जाए तो सरकार के इस फैसले से प्याज की कीमतों पर भी असर पड़ना तय है।
Onion Export: विधानसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चला है। सरकार ने प्याज किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्याज पर लगने वाले न्यूमतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है। यह जानकारी विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने दी है। माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला किसानों और निर्यातकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है।
कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में आग लगी हुई थी। देश की राजधानी दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 58 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। जबकि अखिल भारतीय प्याज का अधिकतम रेट 80 रुपये प्रति किलो है। ऐसे में देखा जाए तो सरकार के इस फैसले से प्याज की कीमतों पर भी असर पड़ना तय माना जा रहा है।
DGFT ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है।.इससे पहले 4 मई 2024 को देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा लिया था। मगर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) 550 डॉलर प्रति टन तय किया था।
सरकार ने हटाया बैन
उस समय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था, प्याज की निर्यात नीति को संशोधित कर तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक 550 डॉलर प्रति टन के MEP के तहत प्रतिबंध से मुक्त किया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का आदेश जारी रखा था। पिछले साल अगस्त महीने में भारत ने 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था। उसके पहले 8 दिसंबर, 2023 को इस साल 31 मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारियां चल रही है। बता दें कि महाराष्ट्र भारत का सबसे बड़ा प्याज का निर्यातक राज्य है। सरकार के इस कदम से किसानों को प्याज निर्यात करने में मदद मिलेगी।
38 लाख टन है भंडारण
जानकारों की मानें तो कहा जा रहा है कि NCCF और नेफेड के पास सरकारी भंडारण में 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है। सरकार NCCF और नेफेड के सहयोग से अपने स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की खुदरा बिक्री कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि खरीफ (ग्रीष्म) में बोया गया रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 1.94 लाख हेक्टेयर था। उन्होंने कहा था कि किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडारण है।