Chandrayaan 3: चंद्रयान- 3 लांच, ISRO ने दुनिया में रचा नया इतिहास, 50 दिनों में पूरी करेगा चंद्रमा की यात्रा
Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान - 3 लांच किया।
Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज शुक्रवार को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान - 3 लांच किया। चंद्रयान-3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में जश्न मनाया गया। आज से करीब 50 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रयान- 3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 23-24 अगस्त को साफ्ट लैंडिग करवाई जाएगी। माना जा रहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर अगर लैंडर की साफ्ट लैंडिग हो जाती है तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा।
बता दें कि साल 2019 में चंद्रयान 2 को दक्षिणी ध्रुव पर भेजा गया था, लेकिन तब सफलता नहीं मिल पाई थी। चार साल बाद आज शुक्रवार को फिर चंद्रयान 3 को दक्षिणी ध्रुव पर भेजा जा रहा है। इसलिए चंद्यान 3 भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है। वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधवन कहना है कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान 2 की अपेक्षा चंद्रयान 3 में कई अहम बदलाव किए गए है। सेंसर्स ज्यादा संवेदनशील लगाए हैं, फिर भी जब तक साफ्ट लैंडिंग नहीं हो जाती तब वैज्ञानिकों के लिए सबसे मुश्किल समय रहेगा।
राष्ट्रपति ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अनुसार भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इसरो टीम और वे सभी लोगों को बधाई जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया। यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।
India successfully launches Chandrayaan-3 marking another significant milestone in space exploration.
Heartiest congratulations to the @ISRO team and everyone who worked relentlessly to accomplish the feat!
It demonstrates the nation's unwavering commitment to advancement in…— President of India (@rashtrapatibhvn) July 14, 2023
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार पूरा मिशन स्वदेशी है, यह आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है। यह आने वाले वर्षों में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में, एक अग्रणी वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका को भी दोहराएगा।
Chandrayaan-3 scripts a new chapter in India's space odyssey. It soars high, elevating the dreams and ambitions of every Indian. This momentous achievement is a testament to our scientists' relentless dedication. I salute their spirit and ingenuity! https://t.co/gko6fnOUaK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
लांच से पहले प्रधानमंत्री ने भी किया ट्वीट
चंद्रयान लांच से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके टीम का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने लिखा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। इससे आप सभी को बहुत गर्व महसूस होगा.
The key scientific outcomes from Chandrayaan 2 include the first ever global map for lunar sodium, enhancing knowledge on crater size distribution, unambiguous detection of lunar surface water ice with IIRS instrument and more. This Mission has featured in almost 50 publications.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
615 करोड़ की लागत से तैयार किया गया चंद्रयान - 3
वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधवन का कहना है कि चंद्रयान 3 में इस बार आर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है। इस बार केवल स्वदेश प्रोपल्शन मॉड्यूल भेज रहे हैं। यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा में ले जाएगा। पहुंचने के बाद चंद्रमा के चारों ओर 100 किमी की गोलाकार कक्षा में चक्कर काटता रहेगा। इसे आर्बिटर इसलिए नहीं बुलाते हैं, क्योंकि चंद्रमी इसकी स्टडी नहीं करेगा। चंद्रयान 3 का वजन 2145.01 किग्रा है, जिसमें 1696.39 किग्रा ईंधन होगा, यानी कि मॉड्यूल का कुल वजन 448.62 किग्रा है। चंद्रयान-3, 615 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।
कई देश साफ्ट लैंडिंग की कर चुके हैं कोशिश
बता दें कि चांद पर साफ्ट लैंडिंग की कोशिश अलग-अलग समय में कई देश कर चुके हैं, लेकिन सफलता किसी को नहीं मिल पाई है। माना जा रहा है, इस बार भारत को सफलता मिल जाएगी और भारत चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन जाएगा।