Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में क्या है सियासी समीकरण, भाजपा-कांग्रेस में कौन दिख रहा मजबूत,बघेल के सामने कौन सी चुनौतियां

Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल करते हुए भाजपा को करारा झटका दिया था। कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद राज्य में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-10-09 16:08 IST

Chhattisgarh Election 2023

Chhattisgarh Election 2023: चुनाव आयोग ने सोमवार को छत्तीसगढ़ समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। छत्तीसगढ़ अकेला ऐसा राज्य है जहां दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान कराया जाएगा। बाकी चारों राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में मतदान का काम एक ही चरण में पूरा हो जाएगा। सभी राज्यों के चुनाव नतीजे की घोषणा 3 दिसंबर को की जाएगी।

छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल करते हुए भाजपा को करारा झटका दिया था। कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद राज्य में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी। इसी के साथ राज्य में भाजपा के 15 साल के राज का अंत हो गया था। यही कारण है कि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला चुकाने के लिए बेताब है। बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतर रही है जबकि कांग्रेस को बघेल सरकार के कामों और राज्य में घोषित की गई विभिन्न गारंटियों पर भरोसा है। ऐसे में राज्य के सियासी समीकरण और चुनावी संभावनाओं की पड़ताल करना जरूरी है।

महिला और युवा मतदाता होंगे महत्वपूर्ण

राजधानी दिल्ली में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की ओर से आज की गई घोषणा के मुताबिक पहले चरण में 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ की 20 विधानसभा सीटों पर मतदान कराया जाएगा। पहले चरण में बस्तर की 12 और राजनांदगांव की 8 सीटों पर मतदान का काम पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण में 17 नवंबर को राज्य की बाकी बची 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। ऐसे में अब पहले चरण के मतदान के लिए एक महीने से भी कम का समय बचा है।

राज्य में 2018 में पिछली बार 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे जबकि चुनाव नतीजे की घोषणा 11 दिसंबर को की गई थी। 18 दिसंबर को भूपेश बघेल की अगुवाई में राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था। छत्तीसगढ़ में इस बार 2.03 करोड़ मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक 1.02 करोड़ है जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.01 करोड़ है। राज्य में 18 से 22 साल वाले मतदाताओं की संख्या 18.68 लाख है। ऐसे में इन मतदाताओं की भूमिका भी इस बार काफी महत्वपूर्ण होगी।

2018 में कांग्रेस को मिली थी बड़ी जीत

2018 में छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भाजपा को करारा झटका दिया था। 2018 के चुनावी नतीजे पर सियासी पंडित भी हैरान रह गए थे क्योंकि कांग्रेस ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 68 सीटों पर बड़ी जीत हासिल की थी। दूसरी ओर राज्य में पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ भाजपा सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गई थी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बसपा को दो सीटों पर जीत मिली थी। बाद में हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़कर 71 पर पहुंच गई थी जबकि भाजपा घटकर 14 पर ही रह गई थी।

बघेल के साथ हाईकमान का समर्थन

2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी शिकस्त देने के बाद कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। राज्य में भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव के बीच कई दिनों की खींचतान के बाद हाईकमान ने बघेल के नाम पर मुहर लगाई थी और बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने थे। बघेल ने उस समय से ही छत्तीसगढ़ की कमान संभाल रखी है। हालांकि टीएस सिंहदेव के समर्थकों ने कई बार उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग की मगर हाईकमान ने बघेल को अपना समर्थन जारी रखा। सिंहदेव के समर्थकों ने ढाई-ढाई साल के फार्मूले का कई बार जिक्र किया मगर बघेल अपनी कुर्सी बचाने में हमेशा कामयाब रहे।

भाजपा ने 21 उम्मीदवार घोषित किए

छत्तीसगढ़ में भाजपा की ओर से 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है। पार्टी ने मजबूत प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को घेरने की कोशिश की है। भाजपा ने पाटन विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके भतीजे सांसद विजय बघेल को चुनावी अखाड़े में उतारा है। भाजपा की एक और संभावित सूची भी आ चुकी है जिसे लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में तीखा विरोध किया जा रहा है। राज्य के कई इलाकों में पुराने चेहरों को दोबारा उतारने और कुछ इलाकों में पैराशूट प्रत्याशी घोषित करने का कार्यकर्ता तीखा विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई भी सूची नहीं जारी की गई है। दिल्ली में आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों को लेकर मंथन किया गया है। वैसे कांग्रेस की भी एक सूची वायरल हो चुकी है जिसमें 14 विधायकों का टिकट काटे जाने की बात कही गई है। हालांकि पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से किसी भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है।

कांग्रेस ने किया कई गारंटियों का ऐलान

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है जबकि कांग्रेस ने भी अपनी सत्ता बचाने के लिए मजबूत तैयारी कर रखी है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कई गारंटियों का ऐलान किया है। कांग्रेस का मानना है कि इन गारंटियों के दम पर पार्टी हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तरह छत्तीसगढ़ में भी बड़ी जीत हासिल करेगी। इस बार पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर ही चुनाव मैदान में उतर रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि भूपेश बघेल ने पिछले पांच वर्षों के दौरान जनता के हित में कई कदम उठाए हैं और पार्टी को इसका सियासी लाभ मिलेगा।

भाजपा को पीएम मोदी के चेहरे पर भरोसा

दूसरी ओर भाजपा ने भी राज्य में पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी ने राज्य में अभी तक किसी भी नेता को सीएम चेहरा नहीं घोषित किया है। भाजपा के पास रमन सिंह जैसा मजबूत चेहरा है मगर पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के दम पर इस बार पार्टी को जीत हासिल होगी।

राज्य में एक बात और सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है कि इस बार का विधानसभा चुनाव अजीत जोगी के बिना होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में जोगी की पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जोगी की गैर मौजूदगी में कौन पार्टी अपनी ताकत दिखाने में कामयाब होती है। राज्य में आदिवासी मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है और आदिवासी वोट बैंक हासिल करने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।

छत्तीसगढ़ में आप भी चुनाव लड़ने को तैयार

आम आदमी पार्टी ने अन्य चुनावी राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ पर भी नजरें गड़ा रखी हैं। विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद आप छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से दूर रहने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी ने राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के नेता लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं। हालांकि राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है मगर कुछ चुनाव क्षेत्रों में आप उम्मीदवार भी सियासी समीकरणों को प्रभावित करेंगे।

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