#RamRahim का बचाव करने वाले साक्षी महाराज के खिलाफ शिकायत दर्ज

Update:2017-09-03 21:24 IST

नई दिल्ली : स्वराज इंडिया की महिला सदस्य ने उन्नाव यूपी के बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के विरुद्ध महिलाओं के अपमान और धर्म के नाम पर वैमनस्य फैलाने की शिकायत डाबड़ी थाने में दी। पुलिस ने जांच के बाद मामले पर कार्रवाई करने की बात कही है।

शिकायतकर्ता सरोज गोपाल के मुताबिक, 25 अगस्त को जब डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को पंचकुला में सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया तब उनके अनुयायी आगजनी कर रहे थे। ऐसे में साक्षी महाराज रामरहीम के पक्ष में बयान दे रहे थे।



क्या कहा था साक्षी ने

महाराज कहते हैं कि कोर्ट करोड़ों भक्तों की नहीं सुन रहा है। कोर्ट ने बाबा के भक्तों के साथ सही नहीं किया है।महाराज इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने कहा, एक शिकायतकर्ता के आधार पर कैसे कोई करोड़ो भक्तों को नजर अंदाज कर सकता है। महाराज ने पूरे प्रकरण को भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की साजिश बताया है।

बीजेपी सांसद ने कोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक शिकायतकर्ता सही है या करोड़ों भक्त। सीधे-सादे राम रहीम को बुला लिया, नुकसान के लिए कोर्ट भी जिम्मेदार है।

जातीय राजनीति की उपज

सच्चिदानंद साक्षी महाराज का जन्म 16 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश स्थित कासगंज जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम आत्मानंद जी महाराज और माता का नाम मदालशा देवी था। साक्षी महाराज लोध समुदाय से आते हैं। ये समुदाय उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े वर्ग के अन्तर्गत आता है।

कल्याण सिंह के बहुत निकट

साक्षी महाराज रामजन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख रूप से शामिल थे और उन्हें बाबरी मस्जिद केस में आरोपी भी बनाया गया था। साक्षी महाराज का नाम 1997 में भी उस समय सुर्खियां बटोर रहा था जब वे फर्रुखाबाद से सासंद थे और बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में भी उनके नाम पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। दोनों फर्रुखाबाद से ताल्लुक रखते थे। भाजपा के टिकट से दो बार सांसद रह चुके सच्चिदानंद हरि उर्फ साक्षी महाराज कभी दिग्गज नेता कल्याण सिंह के काफी क़रीबी हुआ करते थे।

मुलायम के भी ख़ास बन गए

वर्ष 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने बीजेपी का दामन छोड़ते हुए समाजवादी पार्टी के टिकट पर फर्रुखाबाद से चुनाव में खड़े हुए थे। इसी सीट से बीजेपी की ओर से टिकट न दिए जाने पर साक्षी महाराज बीजेपी से नाराज हो गए थे। वर्ष 2000 में समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा के लिए भेजा गया।

इसी दौरान अगस्त 2000 में एटा के कॉलेज प्रिंसिपल ने साक्षी महाराज और उनके दो भतीजों पर गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई। इसके मुताबिक, पीड़ित महिला और उसके पुरुष दोस्त पर साक्षी महाराज और उनके लोगों ने तब हमला किया था, जब वे आगरा से एटा आ रहे थे। महाराज को इस केस में एक महीने तिहाड़ जेल में भी बिताने पड़े। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। साल 2000 में वह समाजवादी पार्टी में रहते हुए एक बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन किया।

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