कंप्यूटर पर निगरानी का मामला: SC ने केंद्र सरकार से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

देश की दस एजेंसियों को किसी भी कम्प्यूटर का डेटा देखने की अनुमति देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया है।

Update: 2019-01-14 09:55 GMT

नई दिल्ली: देश की दस एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर का डेटा देखने की अनुमति देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया है। सरकार ने 20 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था कि पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां देश के किसी भी नागरिक के ईमेल, वॉट्सऐप और कम्प्यूटर का डेटा देख सकती हैं। वकील ने इस नोटिफिकेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

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गौरतलब है कि किसी भी कंप्यूटर प्रणाली को इंटरसेप्ट करने, उनकी निगरानी और कूट भाषा का विश्लेषण करने के लिये 10 केन्द्रीय एजेन्सियों को अधिकृत करने संबंधी सरकार की अधिसूचना को पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी। अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने सरकार की 20 दिसंबर की अधिसूचना को चुनौती देते हुए न्यायालय से इसे निरस्त करने का अनुरोध किया था।

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मोदी सरकार की अधिसूचना के अनुसार, 10 केन्द्रीय जांच एजेन्सियों को सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत कंप्यूटर इंटरसेप्ट करने और उसकी सामग्री का विश्लेषण करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इस अधिसूचना में शामिल एजेन्सियों में गुप्तचर ब्यूरो, नार्कोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (आय कर विभाग के लिये), राजस्व गुप्तचर निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेन्सी, रॉ, सिग्नल गुप्तचर निदेशालय (जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम के क्षेत्रों के लिये) और दिल्ली के पुलिस आयुक्त शामिल हैं।

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