Lok Sabha Election: केजरीवाल के रुख से कांग्रेस हाईकमान नाराज, दिल्ली में टूटेगा आप से गठबंधन, सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
Lok Sabha Election: असम और गुजरात में आप की ओर से कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किए जाने के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। दिल्ली में दोनों दलों का गठबंधन टूटने की स्थिति में पहुंच गया है।
Lok Sabha Election: देश में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी के रवैए से कांग्रेस हाईकमान काफी नाराज है। असम और गुजरात में आप की ओर से कई सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किए जाने के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। दिल्ली में दोनों दलों का गठबंधन टूटने की स्थिति में पहुंच गया है।
पार्टी हाईकमान की ओर से प्रदेश इकाई को दिल्ली की सातों सीटों पर चुनावी तैयारी में जुटने का निर्देश दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि हमने भी दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी है। उन्होंने दावा किया कि अन्य दलों की अपेक्षा दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति ज्यादा मजबूत है।
दिल्ली में आप का प्रस्ताव कांग्रेस ने ठुकराया
आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट देने का प्रस्ताव किया गया था जिसे कांग्रेस ने ठुकरा दिया है। आप की ओर से हाल में कहा गया था कि वह दिल्ली में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कांग्रेस को एक सीट देने का प्रस्ताव किया गया था। आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने दावा किया था कि आप कांग्रेस की अपेक्षा दिल्ली में ज्यादा मजबूत है।
उनका कहना था कि ताकत और योग्यता के आधार पर कांग्रेस पार्टी एक भी सीट की हकदार नहीं है मगर गठबंधन धर्म के कारण हम कांग्रेस को एक सीट देने के लिए तैयार हैं। आप की मजबूती को देखते हुए उसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए।
कांग्रेस को आप का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है और पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट करने का निर्देश दिया है। इसके बाद पार्टी की प्रदेश इकाई की ओर से सातों सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की कांग्रेस की तैयारी
आप के इस प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली में हुए पिछले चुनाव के दौरान हमारी पार्टी ने किसी भी अन्य पार्टी की अपेक्षा ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया था। कांग्रेस पार्टी ने पिछले तीन महीने के दौरान सभी सातों लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की हैं। पांच लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी की ओर से बड़ी रैलियां का आयोजन किया गया है। इसलिए अन्य पार्टियों की तुलना में कांग्रेस बेहतर स्थिति में चुनाव लड़ने को तैयार है।
उनका कहना था कि पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान और अलायंस कमेटी की ओर से इस बाबत जो भी फैसला लिया जाएगा, पार्टी की स्टेट यूनिट उसी के अनुरूप कदम उठाएगी।
पंजाब के बाद असम में भी खींचतान
पंजाब में कांग्रेस और आप का गठबंधन टूट चुका है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान ने राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल भी राज्य के लोगों से सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत दिलाने की अपील कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने असम में भी अपने तीन उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।
आप महासचिव संदीप पाठक का कहना है कि कई दौर की बातचीत के बाद भी सीट शेयरिंग को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इसलिए पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। आप ने डिब्रूगढ़ से मनोज धनोहर, गुवाहाटी से भाभेन चौधरी और सोनितपुर से ऋषि राज को अपना उम्मीदवार बनाया है।
गुजरात में भी आप का अड़ियल रवैया
आप ने गुजरात में भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। भरूच से चैतर वसावा और भावनगर से उमेश भाई मकवना को उम्मीदवार बनाया गया है। आप ने गुजरात में कांग्रेस से 8 सीटों की मांग की है। पार्टी के नेता संदीप पाठक का कहना है कि हम कुछ दिनों तक कांग्रेस के जवाब का इंतजार करेंगे। कांग्रेस की ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो बाकी 6 सीटों पर भी पार्टी के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे।
इस तरह गुजरात और असम में भी दोनों दलों के बीच तालमेल बिगड़ गया है। सियासी जानकारी का मानना है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया विभिन्न राज्यों में बिखरता हुआ दिख रहा है।