Congress President Election: गहलोत नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव, मांगी सोनिया से माफी

Congress President Election 2022: जयपुर में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ, उसे लेकर अशोक गहलोत को काफी दुख पहुंचा है। सियासी बवाल को लेकर माफी भी मांगी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-29 15:40 IST

Ashok Gehlot (photo: social media )

Congress President Election: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ करीब डेढ़ घंटे की बैठक के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में न उतरने की बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर राजस्थान में हुए सियासी बवाल को लेकर सोनिया गांधी से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि जयपुर में पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ, उसे लेकर उन्हें काफी दुख पहुंचा है। गहलोत लिखित माफीनामे के साथ सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार की रात ही दिल्ली पहुंच गए थे जबकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। मुकुल वासनिक से मुलाकात के बाद गहलोत आज दोपहर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए 10 जनपथ पहुंचे। राजस्थान में विधायकों के बागी तेवर दिखाने के बाद गहलोत और सोनिया की यह पहली मुलाकात थी। गहलोत की सोनिया से मुलाकात के दौरान कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। हालांकि इसस पूर्व गहलोत ने सोनिया से फोन पर बातचीत जरूर की थी।

कांग्रेस में मुझे पूरा सम्मान मिला

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में पिछले 50 वर्षों के दौरान मुझे पूरा सम्मान मिला है। इंदिरा गांधी के समय से ही पार्टी नेतृत्व ने हमेशा मुझ पर पूरा विश्वास किया है और मुझे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी हैं। कांग्रेस महासचिव के साथ मुझे तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। मुझे यह सबकुछ हाईकमान के आशीर्वाद से ही हासिल हुआ है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज जो हालात बने हैं,उनमें मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ूंगा। कांग्रेस पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में जो कुछ भी हुआ,उसके लिए मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है। जानकारों का कहना है कि गहलोत अपने साथ लिखित माफीनामा लेकर दस जनपथ पहुंचे थे। इसमें लिखा हुआ था कि राजस्थान में जो कुछ भी हुआ, वह बहुत ही दुखद है और इसे लेकर मैं भी काफी आहत हूं।

पूरे देश में गया है गलत संदेश

गहलोत ने कहा कि रविवार को जयपुर में जो घटना हुई उससे पूरे देश में यह संदेश गया कि मैं मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहता हूं। कांग्रेस में हमेशा एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने की परंपरा रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रविवार को यह प्रस्ताव नहीं पारित कराया जा सका। मुख्यमंत्री रहते हुए मैं इस प्रस्ताव को पारित नहीं करा पाया, इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। गहलोत ने कहा कि राजस्थान के सियासी घटनाक्रम को लेकर पूरे देश में मेरे संबंध में गलत माहौल बनाया गया है।

सीएम पद को लेकर भी संशय की स्थिति

सोनिया गांधी से हुई मुलाकात के बाद गहलोत के बयान से उनके मुख्यमंत्री पद को लेकर भी संशय की स्थिति पैदा हो गई है। मीडिया की ओर से इस बाबत सवाल पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि इस संबंध में आखिरी फैसला सोनिया गांधी ही करेंगी। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हटने की घोषणा देखते हुए माना जा रहा है कि सोनिया गांधी की नाराजगी अभी भी बनी हुई है। वैसे गहलोत खेमे के विधायकों के तेवर को देखते हुए यह भी साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व के लिए उन्हें हटाना आसान नहीं होगा।

गलों की मुलाकात के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की भी सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है। सियासी जानकारों का मानना है कि पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

गहलोत खेमे के विधायक की खुली धमकी

गहलोत के तेवर भले ही नरम पड़ गए हों मगर उनके समर्थक विधायक अभी भी तीखे तेवर अपनाते दिख रहे हैं। गहलोत खेमे के मुखर विधायक गोविंद राम मेघवाल ने राजस्थान के अगले सीएम को लेकर नेतृत्व को खुली धमकी दे डाली है। उन्होंने कहा कि अगर किसी दूसरे खेमे से राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बनाया गया तो हम सभी इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने तक की बात कह डाली है। मेघवाल के इस बयान से साफ हो गया है कि अभी भी आग भीतर ही भीतर सुलग रही है।

मेघवाल ने कहा कि राजस्थान में ऐसा नजारा पहली बार दिखा जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहने वाले किसी नेता ने विपक्षी दल के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी की सरकार गिराने की साजिश रची। मेघवाल का इशारा साफ है और उनके बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि गहलोत बूट अभी भी सचिन पायलट को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

सोनिया के नेतृत्व में एकजुट रहेंगे

इससे पूर्व दिल्ली पहुंचने के बाद गहलोत ने सोनिया गांधी को सुप्रीम नेता बताते हुए उनके नेतृत्व में एकजुट रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमेशा अनुशासन रहा है और हमारी पार्टी के लोग अनुशासन नहीं तोड़ते। राजस्थान के सियासी संकट को गहलोत ने घर की बातें बताते हुए कहा कि मिल बैठकर इस संकट को सुलझा लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया में अलग बातें कही जा रही हैं, लेकिन हमारी असली चिंता देश को लेकर है। विचार का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि देश किधर जा रहा है। देश में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और देश की संस्थाओं पर कब्जा किया जा रहा है। इसी चिंता के कारण ही राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है जिसे लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।

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