कोरोना वायरस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया ये बड़ा आदेश

प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए 4500 रुपये लेने के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि चिन्हित प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में होनी चाहिए

Update: 2020-04-08 08:53 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में सभी नागरिकों को कोविड-19 की जांच की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है।

प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए 4500 रुपये लेने के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि चिन्हित प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को समझने के बाद केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि निजी लैबों में कोरोना वायरस की जांच फ्री में होनी चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि वह इस संबंध में एक उचित आदेश पारित करेगा।

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निजी लैब को ज्यादा पैसे न लेने दें: सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को सुझाव दिया और कहा कि निजी लैब को ज्यादा पैसे न लेने दें। आप टेस्ट के लिए सरकार से रिइंबर्स कराने के लिए एक प्रभावी तंत्र बना सकते हैं।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी और जो भी इसमें अच्छा किया जा सकता है उसे विकसित करने की कोशिश करेगी।

सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सरकार इस मोर्चे पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कोरोना योद्धा हैं। उन्हें भी संरक्षित किया जाना है।

उन्होंने कहा कि उनमें से कई होटलों में रखे जा रहे हैं। बता दें कि अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने यह याचिका दायर की है। इसमें अनुरोध किया गया है कि केन्द्र और संबंधित प्राधिकारियों को कोविड-19 की जांच की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जाए।

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