इस राज्य में लगा तीन दिन का लॉकडाउन, देश में पहली बार हुई ऐसी बंदी, मचा बवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रदेश में इस महीने तीन दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। लेकिन ममता बनर्जी के एलान करते ही राजनीतिक बवाल मच गया है।
कोलकाता: कोरोना वायरस देश में तेजी से फैल रहा है। भारत में केवल 24 घंटे में 35 हजार से ज्यादा लोगों में कोरोना की पुष्टि हो रही है। जिसके बाद से भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर अब 12 लाख के पार पहुंच चुका है। जबकि रिकवरी रेत रिकवरी रेट 63 फीसदी से ज्यादा बना हुआ है। कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए देश के कई शहरों और राज्यों में फिर से लॉकडाउन लगाया गया है।
अब इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रदेश में इस महीने तीन दिन के लॉकडाउन की घोषणा की है। लेकिन ममता बनर्जी के एलान करते ही राजनीतिक बवाल मच गया है। दरअसल ममता बनर्जी ने गुरुवार, शनिवार और बुधवार यानी 23, 25 और 29 जुलाई को लॉकडाउन का एलान किया है, लेकिन शुक्रवार को छोड़ दिया।
इस्लाम में और मुस्लिमों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद अहम होता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ते हैं। मस्जिदों में एकत्र होते हैं। देश में पहली बार इस तरह लॉकडाउन लागू किया गया है।
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सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार और रविवार को काफी संख्या में लोगों को बाहर जाने से रोकने और सप्ताह में चार कार्य दिवस सुनिश्चित करने के लिए सरकार की तरफ से योजनाबद्ध कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही गुरुवार और शनिवार को लॉकडाउन के दौरान राज्य के सभी सार्वजनिक स्थलों को पूरी तरह से सैनिटाइज करने का काम होगा।
पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अलपान बंदोपाध्याय ने लॉकडाउन की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी पुष्टि की कि राज्य में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कम्युनिटी स्प्रेड हो गया है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर मेडिकल एक्सपर्ट भी चर्चा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर हमने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से भी इनपुट लिया है।
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विपक्ष ने ममता बनर्जी सरकार पर उठाए सवाल
लेकिन शुक्रवार को छोड़कर लॉकडाउन लागू करने को विपक्ष ने ममता बनर्जी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन धर्म के आधार पर किया जाता है। ममता बनर्जी ने गुरुवार और शनिवार को पूरी तरह से लॉकडाउन किया है, लेकिन शुक्रवार को छूट दे दी है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शुक्रवार को मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर नमाज पढ़ते हैं, इसलिए ममता बनर्जी ने शुक्रवार को लॉकडाउन नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक अगस्त को बकरीद है और इस दिन भी लॉकडाउन नहीं होगा। इसको लेकर कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने भी ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
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ममता सरकार की सफाई
तो वहीं पश्चिम बंगाल सरकार में डिजास्टर मैनेजमेंट एंड सिविल डिफेंस मंत्री जावेद अहमद खान ने सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी का दिमाग काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष लगातार गाय, मूत्र और गोबर के बारे में सोच रहे हैं। अब उनका दिमाग गाय के गोबर से भर गया है जिसकी वजह से बीजेपी इस तरह की बयानबाजी कर रही है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह फैसला वोट बैंक की राजनीति के लिए नहीं लिया गया है, क्योंकि मस्जिद बंद हैं और सभी लोग अपने घर में नमाज पढ़ रहे हैं। इसके फैसले से शुक्रवार से कोई लेना-देना नहीं है।
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