CPIM MLA Passed Away: त्रिपुरा के सीपीएम विधायक शमशुल हक का निधन, पड़ा था दिल का दौरा
CPIM MLA Passed Away: 67 वर्षीय वामपंथी नेता के निधन पर त्रिपुरा की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। सीपीएम, कांग्रेस के अलावा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
CPIM MLA Passed Away: त्रिपुरा के सीपीएम विधायक शमशुल हक का मंगलवार देर रात दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया। बॉक्सनगर विधानसभा सीट से विधायक हक की तबियत कल रात अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद आनन फानन में जीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर रात उपचार के दौरान अस्पताल में ही उनका निधन हो गया। 67 वर्षीय वामपंथी नेता के निधन पर त्रिपुरा की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है। सीपीएम, कांग्रेस के अलावा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
त्रिपुरा सीएम ने ट्वीट कर दुख जताया
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने ट्वीट कर सीपीएम विधायक के अचानक निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा, बॉक्सनगर विधानसभा के माननीय विधायक शमशुल हक के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। परम दयालु सृष्टिकर्ता से उनकी दिवंगत आत्मा की शाश्वत शांति की कामना करता हूँ। साथ ही, शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ।
বক্সনগর বিধানসভার সম্মানীয় বিধায়ক সামসুল হক মহোদয়ের প্রয়ানে আমি গভীর শোকাহত।
পরম করুণাময় সৃষ্টিকর্তার নিকট তাঁর বিদেহী আত্মার চিরশান্তি কামনা করছি। পাশাপাশি, শোকসন্তপ্ত পরিবারপরিজনদের প্রতি আমার গভীর সমবেদনা জ্ঞাপন করছি।— Prof.(Dr.) Manik Saha (@DrManikSaha2) July 19, 2023
पहली बार बने थे विधायक
शमशुल हक साल 2023 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जीतकर विधायक बने थे। सीपीएम का गढ़ माने जाने वाले बॉक्सनगर विधानसभा सीट से वे उम्मीदवार थे। उनके सामने बीजेपी के तफ्फजल होस्सैन और तृणमुल कांग्रेस के जॉयदल होस्सैन थे। शमशुल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार तफ्फजल होस्सैन को 4849 वोटों के अंतर से हराया था। वहीं, टीएमसी उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे। इसके अलावा टिपरा मोथा के अबु खैयर मियाह चौथे स्थान पर रहे थे।
बॉक्सनगर की सीट पर लंबे समय से सीपीएम का कब्जा रहा है। 2018 में जब प्रदेश में बीजेपी की लहर चली थी, तब भी उसने यह सीट बचा ली थी। तब सीपीएम के शाहिद चौधरी ने बीजेपी के भारूल इस्लाम मजूमदार को 8015 वोटों के बड़े अंतराल से हराया था। इससे पहले 2013 में भी शाहिद चौधरी यहां से चुनाव जीते थे।