CWC मीटिंग में भिड़े कांग्रेस नेता, राहुल गांधी को आया गुस्सा, कही ये बड़ी बात
बगैर कहा कि सालों तक बिना चुनाव के सीडब्ल्यूसी में रहने वाले लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि आपसी लड़ाई छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा से लड़ने की जरूरत है
नई दिल्ली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखने वाले ऐसे कई नेताओं पर निशाना साधा जो पिछले कुछ महीनों से संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं। संगठन चुनाव को लेकर हुई इस अहम बैठक में कांग्रेस कार्यसमिति के साथ ही सीईसी का भी चुनाव कराए जाने की असंतुष्ट खेमे के नेताओं की मांग पर घमासान हुआ। सूत्रों के मुताबिक, गहलोत की टिप्पणी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रतिवाद किया और कहा कि यह अपमानजनक है। इस वजह से पार्टी के अंदर का मतभेद सामने आया।
सबकी भावनाओं का सम्मान
बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच टकराव को देखते हुए पार्टी के राहुल गांधी ने कहा कि हम सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यही खत्म किया जाना चाहिए। खबरों के अनुसार गहलोत ने बैठक में कहा कि हम सभी लोग इतने सालों में चुनाव से यहां तक नहीं आए हैं, बल्कि चयन की प्रक्रिया से होकर आए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यहीं खत्म किया जाए तथा आगे पार्टी को किसानों के मुद्दे और राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर जोर देना है। हरीश रावत और कुछ अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी की।
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बैठक में कोई उत्तेजना नहीं-सुरेजवाला
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, बैठक में कोई उत्तेजना नहीं थी और बहस भी नहीं हुई। उन्होंने कहा, आनंद शर्मा जी, आजाद साहब और चिदंबरम जी, या कोई और हो, वो विरोधी स्वर में बोलने वाले नहीं है, बल्कि परिवार के सदस्य हैं। सबके आग्रह पर निर्णय लिया गया है कि चुनाव कार्यक्रम को थोड़ा आगे कर दिया जाए।कांग्रेस कार्यसमिति की इस वर्चुअल बैठक ने नए अध्यक्ष के चुनाव की समयसीमा का सस्पेंस जरूर खत्म कर दिया। पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर संगठन चुनाव को आगे बढ़ाने का फैसला करते हुए कार्यसमिति ने तय कर दिया कि अब जून के आखिर तक कांग्रेस को नया निर्वाचित अध्यक्ष मिल जाएगा।
आपसी लड़ाई छोड़ मोदी के खिलाफ आगे आए
गहलोत ने किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि सालों तक बिना चुनाव के सीडब्ल्यूसी में रहने वाले लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि आपसी लड़ाई छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा से लड़ने की जरूरत है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अंबिका सोनी ने सीईसी के चुनाव की मांग को नेतृत्व पर अविश्वास जैसी बात करार देते हुए असंतुष्ट खेमे के नेताओं की हैसियत पर सवाल उठाया तो पलटवार करते हुए गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा सरीखे असंतुष्ट नेता सीईसी का चुनाव कराने की मांग पर डटे रहे।
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परस्पर टकराव
कांग्रेस के नेताओं के बीच परस्पर टकराव की शुरुआत पिछले साल अगस्त में उस वक्त हुई थी जब गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस का सक्रिय नेतृत्व होना चाहिए और संगठन में व्यापक बदलाव होना चाहिए. इस पत्र को कांग्रेस में कई नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विशेषकर गांधी परिवार को चुनौती के रूप में लिया। कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एक बार फिर आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग उठाई।