Parliament Monsoon Session : निलंबित सांसदों का सस्पेंशन खत्म, कांग्रेस बोली- 'सरकार ने बच्चों को भी नहीं बख्शा'

Parliament Monsoon Session: लोकसभा अध्यक्ष ने बड़ी पहल करते हुए निलंबित सांसदों का निलंबन खत्म कर दिया। जिसके बाद लोकसभा में गतिरोध खत्म हो गया। सांसदों के निलंबन वापसी के साथ ही सदन की कार्यवाही शुरू हो गयी।

Written By :  aman
Update:2022-08-01 18:00 IST

मानसून सत्र (photo: social media )

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Parliament Monsoon Session : लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार को बड़ी पहल करते हुए निलंबित सांसदों का निलंबन खत्म कर दिया। जिसके बाद लोकसभा में गतिरोध खत्म हो गया है। सांसदों के निलंबन वापसी के साथ ही सदन की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हो गयी है। संसद में गतिरोध ख़त्म होते ही महंगाई पर चर्चा शुरू हो गई। गौरतलब है कि, लोकसभा में विपक्ष के साथ सहमति बनने के बाद निलंबित सासंदों का सस्पेंशन खत्म करने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। इसी के साथ लोकसभा से निलंबित सांसदों का सस्पेंशन अब खत्म हो गया है।

आपको बता दें कि, जिन चार सांसदों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया था, वे हैं- मनिकम टैगोर (Manickam Tagore), टीएन प्रतापन (TN Prathapan), जोथिमणि (Jothimani) और राम्या हरिदास (Ramya Haridas)। निलंबन वापसी के बाद अब ये सांसद एक बार फिर सदन में दिखाई देंगे। 

2030 तक भारत को 'वैश्विक ड्रोन हब' बनाने को कई कदम

इस बीच नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह (Minister of State for Civil Aviation VK Singh) ने सोमवार को उच्च सदन राज्यसभा में कहा, कि 'सरकार ने भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। बीजेपी सांसद नरहरि अमीन (BJP MP Narhari Amin) द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए वीके सिंह ने कहा कि 'इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कुछ सुधार उपायों में 25 अगस्त 2021 को उदारीकृत ड्रोन नियम, 202 को अधिसूचित करने का कदम शामिल है।' राज्य मंत्री ने बताया, कि 'ड्रोन एयरस्पेस मैप (drone airspace map) पिछले साल 24 सितंबर को प्रकाशित किया हुआ था। जिसमें करीब 90 फीसदी भारतीय हवाई क्षेत्र को 400 फीट तक उड़ने वाले ड्रोन के लिए ग्रीन जोन के रूप में खोल दिया गया था।

सुप्रिया सुले ने सुनाई प्रधानमंत्री को भेजी बच्ची की चिट्ठी

आज लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान सदन में एनसीपी (NCP) की नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने एक बच्ची की चिट्ठी पढ़कर सुनाई। यह चिट्ठी प्रधानमंत्री मोदी को लिखी गई है। यह चिट्ठी आजकल सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। दरअसल, एक पांच वर्षीय बच्ची ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी। जिसमें उसने पेंसिल और मैगी के महंगा होने की शिकायत की है। सुले ने बताया कि, 'चिट्ठी में लिखा है कि मोदी जी आपने पेंसिल को महंगा कर दिया। मेरी पेंसिल एक बच्चे ने ले ली। उसके बाद मैंने नई खरीदने के लिए कहा, तो मम्मी ने मुझे डांट लगाई।'

निशिकांत दुबे ने थामा मोर्चा, बताया वैश्विक महंगाई है

मनीष तिवारी के सवाल उठाने पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने लोकसभा में महंगाई मुद्दे पर सरकार की ओर मोर्चा थामा। मूल्य वृद्धि पर चर्चा के दौरान दुबे ने कहा, 'यह महंगाई वैश्विक है। उन्होंने पड़ोसी मुल्क श्रीलंका (Sri Lanka), बांग्लादेश (Bangladesh), भूटान (Bhutan) और सिंगापुर (Singapore) को देखें, तो हर जगह महंगाई बढ़ रही है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं। ऐसे में अगर गरीबों को दो वक्त की रोटी, खाना मुफ्त मिल रहा है, तो क्या हमें प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा नहीं करना चाहिए।'

8 वर्षों के आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा 

मनीष तिवारी ने आगे कहा कि, सरकार ने भले ही अपने बजट (Budget) में सुधार किया हो, मगर इसने देश भर के घरों के बजट को बर्बाद कर दिया है। वर्तमान अर्थव्यवस्था 8 वर्षों के आर्थिक कुप्रबंधन का नतीजा है।' कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आगे कहा, 'सरकार अपना खजाना भरती रही और जनता की जेब कम करती रही।'

मनीष तिवारी- 'सरकार ने बच्चों को भी नहीं बख्शा'

लोकसभा में चार कांग्रेसी सांसदों के निलंबन वापस लिए जाने के बाद महंगाई पर चर्चा (Discussion On Inflation) शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने विपक्ष की ओर से मोर्चा थामा। महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को घेरा। तिवारी ने कहा, कि 'देश में बीते 14 महीनों से महंगाई दहाई अंक में है। इतिहास पर नजर डालें तो यह 30 वर्षों में सबसे ज्यादा है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (Consumer Food Price Index) आसमान छू रहा है। खाद्य पदार्थों जिनमें चावल, दही, पनीर और पेंसिल तथा शार्पनर जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी (GST) बढ़ा है। महंगाई इतनी बढ़ी कि, 'सरकार ने बच्चों को भी नहीं बख्शा।'

लोकसभा स्पीकर की पहल रंग लाई

लोकसभा में चार सांसदों के निलंबन के बाद गतिरोध की वजह से विपक्षी पार्टियां लगातार कार्यवाही का विरोध कर रही थी। तब इस गतिरोध को खत्म करने के लिए और सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने पहल की। उनकी ये पहल रंग लाई। लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। फिर, स्पीकर ओम बिरला के कहने के बाद सरकार लोकसभा में सांसदों के निलंबन को हटाने का प्रस्ताव लाई। फिर कहीं जाकर ये गतिरोध ख़त्म हुआ। स्पीकर ओम बिरला ने कहा, 'सदन में हुई घटनाओं से सभी आहत हैं। मैं भी आहत हुआ। देश को भी पीड़ा पहुंची है।' 

'संसदीय परंपरा पर हमें गर्व है'

लोकसभा के स्पीकर ने आगे कहा, कि 'संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है। यहां की संसदीय परंपरा पर हमें गर्व है। चर्चा और संवाद तथा सकारात्मक बहस से ही सदन को प्रतिष्ठा मिली है। हमारे पहले के अध्यक्षों और सदस्यों ने भी मर्यादा तथा लोकतांत्रिक परंपराओं को निभाया है। इस मर्यादा व शालीनता की रक्षा करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।' 

...इसके बाद फिर मैं किसी की नहीं सुनूंगा

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने सदस्यों से ये भी कहा कि, 'मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि कृपया प्ले कार्ड (Play Card) लेकर कोई सदन में न आएं। मैं अंतिम बार मौका दे रहा हूं। इसके बाद फिर मैं किसी की नहीं सुनूंगा। अब अगर कोई प्ले कार्ड लेकर आएंगे, तो कार्रवाई करनी पड़ेगी।'

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