लालू प्रसाद के लिए 11 दिसंबर का दिन अहम, जमानत याचिका पर होगी सुनवाई
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए शुक्रवार यानी 11 दिसंबर का दिन बेहद अहम रहने वाला है। झारखंड हाईकोर्ट में लालू की ज़मानत याचिका पर सुनवाई होगी।
रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए शुक्रवार यानी 11 दिसंबर का दिन बेहद अहम रहने वाला है। झारखंड हाईकोर्ट में लालू की ज़मानत याचिका पर सुनवाई होगी। दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में अगर राजद अध्यक्ष को बेल मिल जाता है तो लालू खुली हवा में सांस ले सकेंगे। चारा घोटाले के अन्य मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है। लिहाजा, शुक्रवार को होने वाली सुनवाई काफी अहम है। फिलहाल, राजद सुप्रीमो रांची के रिम्स में इलाजरत हैं।
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राजद को ज़मानत मिलने की उम्मीद
झारखंड राजद की प्रदेश महासचिव स्मिता लकड़ा ने उम्मीद जताई है कि, शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में पार्टी सुप्रीमो को राहत मिलेगी। अपने बयान में उन्होने कहा है कि, समस्त राजद परिवार को न्यायालय में पूरी आस्था है। लिहाज़ा, निर्णय लालू प्रसाद के पक्ष में आएगा। उन्होने कहा कि, पिछले दिनों लालू प्रसाद को लेकर जो जनहित याचिका दायर की गई है उससे ज़मानत मिलने में कोई दुश्वारी नहीं होगी। स्मिता लकड़ा ने कहा कि, दुमका ट्रेजरी और पीआईएल का मामला पूरी तरह से अलग है। लिहाज़ा, बेल मिलने की प्रक्रिया में ये कोई बाधा नहीं बनेगी।
लालू के ख़िलाफ़ PIL और सनहा
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने पीआईएल दायर की है। इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई की तारीख मुकर्रर है। इसके साथ ही लालू के विरुद्ध रांची के बरियातू थाना में एक सनहा भी दर्ज कराया गया है। इसमें कथित तौर पर रिम्स के केली बंगला से बिहार के भाजपा विधायक को फोन करने का मामला शामिल है। सनहा भी भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने ही दर्ज कराया है।
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रिम्स के पेइंग वार्ड में हैं लालू
लालू का कथित ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद इसे लेकर बिहार और झारखंड में जमकर राजनीति हुई। लालू को रिम्स के केली बंगला में रखने को लेकर भी विवाद हुआ। इसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई जिसमें होटवार जेल प्रशासन से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की गई। विवाद के बीच राजद अध्यक्ष को केली बंगला से दोबारा रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती करा दिया गया। साथ ही कथित फोन कॉल को लेकर रांची उपायुक्त ने जेल अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट डीसी को मिल चुकी है लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि, लालू प्रसाद भले ही जेल की सज़ा काट रहे हों लेकिन विवादों से उनका नाता खत्म नहीं हुआ है।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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