Delhi: 7 महीने में 27...तो जुलाई में 13 बच्चों की मौत, 20-25 TB से ग्रसित, मचा हड़कंप, जांच के आदेश

Delhi News: आशा किरण होम में काम करने वाले एक वर्कर कहना है कि अंदर के बहुत बुरे हालात हैं। जो बच्चों को दूध, अंडा सब मिलता था, अब सब बंद कर दिया गया है। करीब 20 ले 25 बच्चे टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-02 11:14 GMT

Delhi News (सोशल मीडिया) 

Delhi News: राजधानी में मंदबुद्धि बच्चों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सात महीनों से जारी मौत का सिलसिला इस जुलाई माह में काफी भयावह हो गया, जब एक ही माह में 13 मंदबुद्धि बच्चों की मौत हो गई है। एक माह में 13 बच्चों की मौत के बाद दिल्ली के शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा गया है। मंदबुद्धि बच्चों की मौत पर सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा इस मुद्दे के सहारे लगातार दिल्ली नगर निगम (MCD) और राज्य की सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमलावार है। मगर हैरान की बात यह है कि मंदबुद्धि बच्चों की मौत दिल्ली प्रशासन मीडिया से बात करने तक को तैयार नहीं है, लगाता है इन बच्चों का दोष है, क्योंकि वह आम बच्चों की तरह नहीं बल्कि मंदबुद्धि वाले हैं।

मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

मामला काफी तूल पकड़ने के बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने मंदबुद्धि बच्चों की मौत के मामले पर मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिया है। यह घटना दिल्ली के आशा किरण होम में घट रही है। यह कहा जा सकता है कि इस वक्त आशा किरण होम मंदबुद्धि बच्चों के लिए मौत का चैंबर बना हुआ है। बीते 7 महीनों से इन बच्चों की मौतें हो रही हैं, लेकिन इस पर ध्यान न तो राज्य की आप सरकार पर जा रहा है और न ही केंद्र की मोदी सरकार पर। दिल्ली में भले ही आप की सरकार हो, लेकिन दिल्ली के सभी सातों सांसद भाजपा से जीते हैं, ऐसे में अगर आप सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही तो दिल्ली के भाजपा सांसद इस पर मामले पर क्या कदम उठा रहे हैं, सवाल ये भी बनाता है।

बीते एक साल में इतने काल के गाल में समाए

एक टीवी मीडिया को आशा किरण होम में बच्चों की मौत पर कुछ एक्सक्लूसिव दस्तावेजों हाथ लेगे हैं। जिस में खुलासा हुआ है कि आशा किरण होम में जुलाई महीने में 13 मंदबुद्धि बच्चों की मौत हुई है, जबकि बीते 7 महीनों से 23 बच्चों मौत हो चुकी है। जुलाई महीने में ही 20 दिन के अंदर 13 बच्चों की मौत हुई हैं। अगर साल मौतों के आंड़कों की बात करें तो जनवरी में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 2, मई में 1, जून में 3 और जुलाई में 13 मौत हुई हैं जबकि वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच कुल 13 लोगों की मौत हुई थीं। कुल मिलाकर 27 आशा किरण होम में अब तक 27 मंदबुद्धि बच्चे काल के गाल में समा चुके हैं।

इस वजहों से हो रही बच्चों की मौतें

एक्सक्लूसिव दस्तावेजों के खुलासे के मुताबिक, आशा किरण होम में मंदबुद्धि बच्चों और बड़ों को रखा जाता है। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित इस आशा किरण होम में मंदबुद्धि की बच्चों की देखभाल ठीक नहीं होती है। यहां पर हमेशा सुविधाओं का अभाव रहता है। न ही बच्चों को यहां शुद्ध खाना मिलता है और न साफ पीन पीने के लिए कोई अच्छी व्यवस्था है। यही वजह है कि बीते कुछ महीनों में इतने सारे मानसिक रूप से परेशान बच्चे मौत के मुंह में समाए जा रहे हैं और उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

25 बच्चे टीबी से ग्रसित, होम का हाल बुरा 

यह कोई रोहिणी सेक्टर 3 स्थित आशा किरण होम का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां पर कई मंदबुद्धि बच्चों की मौत हुई थीं। तब भी काफी हो-हल्ला हुआ था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बार भी दर्जनों बच्चों की मौतें हुई हैं और इस बार भी काफी हो-हल्ला हो रहा है। एसडीएम ने भी माना है कि जुलाई में महीने में 13 बच्चों की मौत हुई है। एसडीएम ने ये भी मानना है कि इन मौतों की वजह खराब पानी हो सकता है। आशा किरण होम में काम करने वाले एक वर्कर कहना है कि अंदर के बहुत बुरे हालात हैं। जो बच्चों को दूध, अंडा सब मिलता था, अब सब बंद कर दिया गया है। दाल रोटी दी जा रही है। करीब 20 ले 25 बच्चे टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं।

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