Delhi Assembly Election 2025: पटपड़गंज सीट पर कौन किस पर रहेगा भारी?

Delhi Chunav Patparganj Seat Full Details:;

Report :  Manvendra Kumar
Update:2025-01-10 11:59 IST

Delhi Assembly Election 2025 Patparganj Seat Full Details

Delhi Assembly Election 2025: पटपड़गंज वही सीट है जहां से मनीष सिसोदिया तीन बार विधानसभा में चुनकर आए हैं। अब मनीष सिसोदिया ने यह सीट छोड़ी है लेकिन इस बार फिर से यह सीट चर्चा में है। इस बार तीन युवाओं के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र की विशेषता यह है कि यह रिहायशी इलाका है। इस इलाके में सैकड़ों हाउसिंग ग्रुप हैं। एक तरफ जहां आईपी एक्सटेंशन, मयूर विहार फेज-1 और मयूर विहार एक्सटेंशन रिहायशी इलाका है वहीं दूसरी तरफ कोटला, चिल्ला और खिचड़ीपुर जैसे शहरीकृत गांव भी है।

पटपड़गंज विधानसभा में 226310 कुल मतदाता हैं जिसमें पुरुष मतदाता 1,22,194, महिला मतदाता 1,041,00 हैं। 2020 के चुनाव में पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के नतीजे पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी को 70,163 तो भाजपा को 66,956 वोट मिला। वहीं कांग्रेस को 2802 को वोट मिले। जहां तक वोट प्रतिशत की बात है कि आम आदमी पार्टी को 49.51 फीसदी, भाजपा 47.25 फीसदी और कांग्रेस को 1.98 फीसदी मिले थे।

जहां तक इस बार उम्मीदवार की बात है आम आदमी पार्टी ने प्रसिद्ध शिक्षाविद् अवध ओझा को मैदान में उतारा है। जिनकी सीधी टक्कर भाजपा प्रत्याशी रविंदर सिंह नेगी उर्फ रवि नेगी से होगी। वहीं कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व इस इलाके के दो बार के पूर्व विधायक अनिल चौधरी को टिकट दिया है। जिससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। रविंदर सिंह नेगी उत्तराखंड से संबंध रखते हैं और इस विधानसभा में उत्तराखंड मतदाता की संख्या ज्यादा है। पिछली बार इन्होंने मनीष सिसोदिया को जबरदस्त टक्कर दिया था। यही कारण है कि मनीष सिसोदिया को सीट बदलना पड़ा। इस लिहाज से देखे तो रविंदर नेगी पटपड़गंज में सबसे आगे हैं। जहां तक अनिल चौधरी की बात है तो वे कांग्रेस के विधायक रहे हैं।

आम लोगों से जुड़े रहे हैं। इस बार छठ पर्व में इन्होंने आगे बढ़-चढ़कर पूर्वांचलियों के साथ खड़े रहे। जब से वे भी फिर से चर्चा में आ गए। इनका ऑफिस भी शहरीकृत गांव में है। वहीं अवध ओझा को नए तरीके से इस इलाके में जनता का विश्वास में लेना होगा। मनीष सिसोदिया का दावा है कि वह इलाके में कई स्कूलों का कायाकल्प किया है। अगर सचमुच किया होगा तो इसका लाभ अवध ओझा लेना चाहेंगे। हालांकि वेस्ट विनोद नगर निवासी सुर्यानन्द का कहना है कि अवध ओझा अभी तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। रविंदर नेगी पार्षद रहते हुए जो कार्य अपने इलाके में किए हैं उसका लाभ उन्हें अवश्य मिलेगा। रवि नेगी मिलनसार है और लगातार क्षेत्र से जुड़े रहे। पिछले विधानसभा में भी रविंदर नेगी ने कड़ी टक्कर दी थी। वहीं इसी इलाके के राजेश सिंह का कहना है कि रविंदर नेगी की लोकप्रियता में गिरावट आई है क्योंकि कई ऐसे इलाके हैं जहां पार्षद रहते हुए इनके कार्य नहीं दिखे।

पटपड़गंज विधानसभा की प्रमुख समस्या की बात करें तो इलाके का कुछ हिस्सा हाईवे के साथ जुड़ा है जिससे अक्सर जाम की समस्या बनी हुई रहती है। कई इलाके में बारिश से जल जमाव की समस्या बनी रहती है। टूटी सड़कें और गंदगी बड़े मुद्दे हैं। सीवर की समस्या है वेस्ट विनोद नगर के शांति मार्ग में सीवर लीकेज हैं और टूटी सड़कें हैं। जिसकी शिकायत लगातार जनता करता रहती है। वेस्ट विनोद नगर निवासी भाजपा नेता योगेंद्र पांडें का कहना है कि मनीष सिसोदिया तीन बार विधाय़क रहते हुए कोई विकास के कार्य नहीं किए। छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल जाना पड़ता है। वहां भी सुविधाओं की कमी है। दवाइयां तक नहीं मिलती है। योगेंद्र पाडें का कहना है कि वे कॉपरेटिव चलाते हैं काफी लोग उनके यहां आते हैं जो अपने इलाके की समस्या को लेकर उनके पास आते हैं। जिसका कोई समाधान आम आदमी पार्टी ने नहीं दिया।

  • पर्वांचल का चर्चित चेहरा और भाजपा नेता वसंत झा का कहना है कि अगर क्षेत्र में मनीष सिसोदिया ने कार्य किया होता तो क्षेत्र छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने जनता से धोखा किया है।
  • आम आदमी पार्टी प्रत्याशी अवध ओझा का कहना है कि क्षेत्र के शिक्षा के ज्योति जो मनीष सिसोदिया ने चलाया है अगर इसे आगे ले जाना है तो हमें जिताइए। महिलाओं को जो सुविधाएं का ऐलान किया गया है वह भी मिलेगा।
  • कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चौधरी भी काफी चर्चा में है। पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण रावत चुनाव में खड़े हुए थे। उनकी जमानत जब्त हो गई थी। लेकिन अनिल चौधरी की लोकप्रियता यहां है। इसलिए मुकाबला त्रिकोणीय है।
  • बहरहाल, पटपड़गंज विधानसभा पर सबकी नजर है। अवध ओझा क्या कुछ इलाके में वादे करते हैं। वहीं अनिल चौधरी की लोकप्रियता की कितनी भूनती है और रवि नेगी मतदाताओं को अपनी ओर पुनः खींच पाते हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी।
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