बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली, फिर हुआ बाटला हाउस एनकाउंटर, जानें पूरी कहानी

19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट में किराए पर मकान लेकर रह रहें हैं। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों को पकड़ने के लिए टीम लेकर बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में पहुंचे।

Update: 2021-03-08 14:37 GMT
बम धमाकों से दहल उठी थी दिल्ली, फिर हुआ बाटला हाउस एनकाउंटर, जानें पूरी कहानी

नई दिल्‍ली: देश की राजधानी दिल्ली 13 सितंबर 2008 को उस समय दहल गई थी जब दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे। जबकि 133 जख्मी हुए थे। दिल्ली पुलिस ने उस वक्त जांच में पाया था कि, बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया। इस बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर से जुड़े एक केस में दिल्‍ली की एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को दोषी करार दिया।

एनकाउंटर के वक्‍त खान भागने में कामयाब हो गया था

बता दें कि अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यह साबित हो गया है कि एनकाउंटर के वक्‍त खान भागने में कामयाब हो गया था। अदालत ने खान को आईपीसी की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 के तहत दोषी पाया है। उसे आर्म्‍स ऐक्‍ट की धारा 27 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। आरिज खान को कितनी सजा होगी, अदालत इसकी घोषणा 15 मार्च को दोपहर 12 बजे करेगी। एक दशक तक कथित तौर पर फरार रहने के बाद फरवरी 2018 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार किया था।

खान ने इंस्‍पेक्‍टर एमसी शर्मा पर गोली चलाई

अदालत ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि आरिज खान और उसके सहयोगियों ने जान-बूझकर सरकारी कर्मचारियों को चोट पहुंचाई। अदालत ने यह भी कहा कि खान ने इंस्‍पेक्‍टर एमसी शर्मा पर गोली चलाई जिससे उनकी जान गई।

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आरिज खान ने कोर्ट में कहा था, मुझे झूठे केस में फंसाया गया

आरिज खान ने पिछले साल सितंबर में कोर्ट के सामने कहा था कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव के समक्ष अंतिम दलील के दौरान उसने कहा था कि उस समय उसके फ्लैट से संबंधित होने या वहां उसकी उपस्थिति साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। अदालत ने आठ साल पहले एक अन्य आतंकवादी शहजाद अहमद को मामले के सिलसिले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

बाटला हाउस एनकाउंटर केस की पूरी कहानी

13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे। जबकि 133 जख्मी हुए थे। दिल्ली पुलिस ने उस वक्त जांच में पाया था कि, बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया।

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इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने टीम के साथ छापा मारा

19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट में किराए पर मकान लेकर रह रहें हैं। 19 सितंबर 2008 की सुबह इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा आतंकियों को पकड़ने के लिए टीम लेकर बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 के फ्लैट नंबर 108 में पहुंचे। उसी वक्त आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उन्हें तीन गोलियां लग गईं। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया गया था।

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