किसान नेताओं के पास 3 दिनः दिल्ली पुलिस से सामना, लुकआउट नोटिस होगा जारी

26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन ले रही है, इस बीच दिल्ली पुलिस ने 20 से अधिक किसानों को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है।

Update: 2021-01-28 05:57 GMT
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आन्दोलन बीते 63 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकाली। इस रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जगह जगह हिंसा देखने को मिली। किसानों द्वारा बैरिकेड्स तोड़े गए, साथ ही पुलिस को भी निशाना बनाया गया। इस हिंसा में करीब 300 पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना सामने आई है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

20 किसान नेताओं को जारी किया गया नोटिस

26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार एक्शन ले रही है, इस बीच दिल्ली पुलिस की ओर से ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है और तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने किसान नेताओं पर बड़ा एक्शन लेते हुए लुकआउट नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

क्यों ना की जाए आप पर कार्रवाई?

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से भेजे गए नोटिस में लिखा है कि आपके खिलाफ क्यों ना कानूनी कार्रवाई की जाए? ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ जो करार हुआ था, आपने उसके नियमों का उल्लंघन किया है। इसमें शर्तों के उल्लंघन का भी जिक्र किया गया है, साथ ही ये भी पूछा गया है कि 26 जनवरी से पहले कैसे उग्रवादी तत्व अंदर पहुंच गए। किसान नेताओं से तीन दिन में इस नोटिस का जवाब मांगा गया है।

कमिश्नर ने कही ये बात

मामले में विस्तार से बताते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि सबसे पहले उनसे 26 जनवरी के अलावा कोई और अन्य दिन तय करने की बात कही गई, लेकिन उनके ना मानने पर हमने तीन रूट दिए। उन्होंने कहा कि किसान नेता किसानों को उकसाने का काम कर रहे थे और वे वही थे जो पूर्व निर्धारि मार्गों पर जाने से इनकार कर रहे थे। हमारे पास ऐसे वीडियो भी हैं, जिनमें किसान नेताओं को किसानों का उकसाते हुए देखा जा सकता है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

किसान नेता भी हिंसा में थे शामिल

कमिश्नर ने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत की टीम पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गई। पुलिस के पास अन्य विकल्प थे, लेकिन हमने संयम बरता। किसान नेता भी हिंसा में शामिल रहे। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि हमने 25 जनवरी को यह महसूस किया था कि किसान उपद्रवी तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं। किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो दूसरी ओर दर्शन पाल सिंह ने तय रूट को फॉलो नहीं किया।

दिल्ली पुलिस के साथ किया गया विश्वासघात

दिल्ली कमिश्नर का कहना है कि किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस के साथ विश्वासघात किया है। बताते चलें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की। इस हिंसा में करीब 300 पुलिसवाले घायल हुए। हालांकि किसान संगठनों ने कहा कि रैली में कुछ असमाजिक तत्व घुस आए थे, जिन्होंने रैली खराब किया।

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