दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश : अंजली बिरला के खिलाफ सभी पोस्ट्स 24 घण्टे में हटाएं

Anjali Birla : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल और एक्स को उन पोस्ट या सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-07-23 12:56 GMT

Anjali Birla : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल और एक्स को उन पोस्ट या सामग्री को हटाने का निर्देश दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की है। न्यायालय ने इस अंतरिम आदेश का पालन करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है और अज्ञात प्रतिवादियों को अंजली से संबंधित कोई भी मानहानिकारक आरोप लगाने से भी रोक दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवीन चावला ने ये आदेश दिया।

वादी और प्रतिवादी

इस केस में वादी अंजली बिरला हैं तो प्रतिवादी हैं भारत सरकार का इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गूगल इंक, एक्स कॉर्प और जॉन डो (जॉन डो का प्रयोग उस व्यक्ति/पक्ष के लिए किया जाता है जिसका वास्तविक नाम ज्ञात नहीं है)।

मामला क्या है

ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने, नीट यूजी पेपर लीक विवाद और आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेड़कर मामला सामने आने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर यह दावा वायरल हो गया कि अंजलि बिरला अपने पिता के "शक्तिशाली पद" की वजह से यूपीएससी परीक्षा पहली बार में पास करके सिविल सर्विस अधिकारी बनीं। कई सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया कि अंजलि बिरला पेशे से मॉडल हैं।

अदालत में क्या कहा गया

- इंडियन रेलवे पर्सनल ऑफिसर्स सर्विस (आईआरपीएस) अधिकारी अंजलि बिरला ने दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने अपने बारे में भ्रामक और गलत जानकारी फैलाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने की मांग की है।

- अंजली का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि ये पोस्ट मानहानिकारक प्रकृति के हैं। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि झूठे और निराधार आरोप फैलाए जा रहे हैं, जो मानहानिकारक नैरेटिव के जरिये वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के स्पष्ट इरादे को दर्शाता है।

- मुकदमे में कहा गया है कि कई व्यक्ति बिना किसी सत्य या साक्ष्य के वादी की पेशेवर प्रतिष्ठा को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य वर्तमान सरकार के खिलाफ विवाद उत्पन्न करना तथा वादी को ही निशाना बनाना है।

- वादी ने तर्क दिया कि जानबूझकर झूठी और अपमानजनक जानकारी फैलाने का इरादा है, जो उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।

पुलिस में भी शिकायत

अंजलि बिरला ने एक प्रतिनिधि के माध्यम से हाल ही में महाराष्ट्र के साइबर सेल के पुलिस महानिरीक्षक के पास ध्रुव राठी (पैरोडी) तथा कई एक्स अकाउंट धारकों और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराधों के लिए शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के आधार पर, 5 जुलाई, 2024 को साइबर सेल, महाराष्ट्र द्वारा एक्स और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता अधिनियम, 2023 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की कई धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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